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RCES CACARRACKS
| काउं दिक्खिय अन्नत्थ मुणी स विहरेइ ॥ ५५ ॥ साहु अहं उमा पिदिनमा मासहसाउ उद्धरिओ। मुणिचंदरायपुत्तो इय चिंतिय तवइ तिबतब ॥ ५६ ॥ माहणतणओ दूमइ मणमि जं दिक्खिओ छलेणाहं । जिणधम्मम्मि दुगुंछं कुणमाणो तबइ उग्गतवं ॥ ५७ ॥ ते दोऽवि तवं चरित्रं समाहिणा पाविऊण तह मरणं । अभुन्नं नेहपरा, सुरलोए सुरवरा जाया ॥ ५८ ॥ तत्थ पइन्ना एसा पहप्पर तेहिं नेहओ विहिया । जो पढमं चबइ इओ बोहेयचो य सो तेणं ॥ ५९ ॥ अह भरहवासकमलातिलयं रायगिहनामयं नयरं । तं पालइ निवसेणीपणओ सिरिसेणिओ राया , ॥ ६ ॥ तत्थेव पुरोहियसुयजीवो चविऊण देवलोगाओ । उयरम्मि मेइणीए दुगुंछकम्माउ ओइन्नो ॥ ६१॥ तम्मि य पुरम्मि निंदू आसी धणसत्यवाहपाणपिया । मेयस्स भारियाए तीए जाया समं पीई ।। ६२ ॥ सा निंदू । पइदियहं परितप्पंती सुयाण दुक्षेणं । कइयावि मेइणीए समागयाए गिहं पुद्वा ॥६३ ॥ सहि ! किं दूमियचित्ता मिलाणवयणा य दीससे निचं ? । साविहु भणेइ हंजे सुयाण मरणस्स दुक्खेणं ॥ ६४ ॥ तो मेइणीइ सुणिउं तब-14 यणं साहियं पुरो तीए। जइ मह होही पुत्तो ता तुज्झ समप्पइस्सामि ॥ ६५ ॥ विहिणो सेण दुण्हवि गभो । समकालमेव संजाओ। समयम्मि मेइणीए हुत्था चालो अबालगुणो ॥६६ ॥ निंदूवि जायमित्तं मयकन्नं मेइणीद दाऊणं । नियहियजणेण तीए आणावइ गोविऊण सुयं ॥ ६७ ॥ गेहम्मि आगयाए तं बालं पाडिऊण पयपुरो। मईए इन्भपिया सपिम्मगम्भं इमं मणइ ॥ ६८ ॥ तुह बहिणी एस पुत्तो नहु मह तणओ य एस जीवेउ । उल्लवइ8