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________________ + + प्रामुख्य + + + ॥५॥ बहुरि जो वस्तुके धर्मनिविर्षे ग्लानि न करे, ताके निर्विचिकित्सा गुण होय है ॥३॥ बहुरि । जो स्वरूपविर्षे मूढ न होय यथार्थ जान; ताके अमूढदृष्टिगुण होय है ।४॥ बहुरि आत्माकू स्वरू-卐 'पते चिगताकू स्थापे, ताकै स्थितीकरण गुण होय है ॥५॥ बहुरि जो आत्माकू शुद्धस्वरूपमें लगावै प्र आत्माकी शक्ति बधावै अन्य धर्मनिळू गौण करे, ताके उपगृहन गुण होय है ॥६॥ बहुरि जो अपना ॥ स्वरूपवित्रं विशेष अनुराग राखे, ताकै वात्सल्य गुण होय है ॥७॥ बहुरि जो आत्माका ज्ञानगुणकू 卐 प्रकाशरूप प्रगट करै, ताकै प्रभावना गुण होय है ॥८॥ सो ए सर्व ही गुण इनिके प्रतिपक्षी म .. दोषनि करि कर्मका बंध होय था, ताकू न होने दे हैं अर इनिळू होते चारित्रमोहका उदयरूप ।। 7 शंकादि प्रवर्ते तौ, तिनिकी निर्जरा ही होय है, बन्ध नाही है। जाते बन्ध तो मिथ्यावसहित ग - ही प्रधानता करि कह्या है। जो चारित्रमोहके उदयनिमित्ततें सम्यग्दृष्टीके सिद्धान्तमें गुणस्थाननिकी परिपाटीमैं बन्ध 卐कया है, सो वह भी बन्ध निर्जरारूप ही जानना । जाते सम्यग्दृष्टीके जैसे मिथ्यात्वके उदयमें 5 __बांध्या कर्म क्षरे है, तैसे ही नवीन बन्ध्या भी क्षरे है, याकै तिसका स्वामीपणाका अभाव है। 卐तातें आगामी बन्धरूप नाहीं, निर्जरारूप ही है। जैसे कोई पुरुष पराया द्रव्य उधार ल्याई का ..तिसतें आपके ममत्वबुद्धि नाही, वर्तमानमें तिस द्रव्यते किछु कार्य कर लेना होय सो करि ।। पैलेकूकरारकै करार दे है । जेतें अपने घरमें भी पड्या रहै तौ तिसते ममत्व नाहीं । तातें तिस । - पुरुषके तिस द्रव्यका बन्धन नाहीं है । पर दिया बरावर ही है। तैसें ही ज्ञानी कर्मद्रव्य... - जाने है, तातें ममत्व नाहीं है । सो छता भी निर्जरा सारिखा ही है ऐसें जानना। 卐 बहुरि ए निःशंकित आदिक आठ गुण व्यवहारनयकरि व्यवहार मोक्षमार्गपरि लगाय लेणे। म - तहां जिनवचनविर्षे सन्देह नाही, भय आये व्यवहारदर्शनज्ञानचारित्रतें चिगना नाहीं, सो निःशं. .. + कितपणा है ॥१॥ बहुरि संसार वेह भोगको वांछाकरि तथा परमतकी वांछाकरि व्यवहारमोक्ष- + मार्गत चिगै नाहीं, सो निष्कांक्षितपणा है ॥२॥ बहुरि अपवित्र दुर्गन्धादिक वस्तुके निमित्तते ।। + + +
SR No.090449
Book TitleSamayprabhrut
Original Sutra AuthorKundkundacharya
Author
PublisherMussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
Publication Year1988
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size21 MB
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