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इस मन्त्र को पढ़ कर सब दिशाओं में पुष्पाक्षत क्षेपण करे । यावन्मेरुर्महाद्याच्चन्द्रार्क तारका तावद्भद्राणि पश्यन्तु शांतिक स्नान पाठकाः
ॐ नमो भगवद्भयः सिद्ध ेभ्यक्षू तू तू लृ लृ ए ऐ ओ औ अं अः संर्वौषट् ।
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॥ इति सकली करणम् ॥
।।१२ ।