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पत्र समर्पित किया था। इसी प्रकार सरोदा पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अवमा पर एकत्रित समाज ने आपको धर्म भूषसकी उपाधि से विभूषित कर अभिनन्दन पत्र अर्पित किया था । फलासिया ( झालाबाद) में पन प्रभ दि. जैन बेडिंग एवं बांसवाडा में श्री भ, यशकी ति दि जैन छात्रालय का स्थापना आरके ही प्रयत्नों का फल है। वर्तमान में भी ये सम्याएँ आपके ही महामंत्रीत्व में चलारही है।
अ. भा. दिगम्बर जैन महासमा, मालवा प्रां. दि० जैन महासभा,शांति सागर स्मारक समिति, दिगम्बर जैन मंदिर जीणोद्धार कमेटी चितीद आदि अनेक संस्थाओं के सदस्य रहकर समाज को सेवा कर रहे हैं। अाप की इस वृद्धावस्था में कार्य करने की वही स्फूर्ति हैं। अापकी कर्मठता को देख कर पूज्य श्राचार्य कुथुसागर जी महाराज आपको लोहे का पुतला" कहा करते थे । और प्रतापगढ़ के कवि श्री देवी चन्दशी तो आपको करामान गुतता कर सामनी कवितालो में गाया करते हैं। इस प्रकार आपका साराजीवन समाज की सेवा कार्यों में लग रहा है। हम श्री जिनेन्द्र देव से प्रारके दीर्घायुष्य की कामना करते हैं ।
पं० चन्दन लाल साहित्यरत्न
ऋषभदेव ( राजस्थान )