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प्रथमावृत्ति
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देवकुमार-मन्थमाला का प्रथम पुष्प
कविवर श्री अर्हदास - विरचित
श्रीमुनिसुव्रतकाव्य संस्कृत टीका सहित
अनुवादक तथा सम्पादक
पं० के० भुजबली शास्त्री
पं. हरनाथ द्विवेदी
प्रकाशक
निर्मल कुमार जैन
मन्त्री
श्रीजैन- सिद्धान्त-भवन
मारा
मोर मं० १४५५
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सन् १६.२६. ई
कपड़े की जिल्द मूल्य २)
सादी जिल्द मूल्य
२)