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________________ एक दश सो इजार दश हजार लाख दश लाख क्रोड दश कोड ॥ अंगुलसन निकागत चर्चाविचारः ॥ १ ܤ ܘ ܕ १०२३ १०००० १२ १०८००,०००००० महापद्म १०००००००००००० शंकु १०,०००००००००००० जलधि १००००००००००००० 1,000,00000,0000000 7000000000,Û°ÛÛÛÛÜ {00000.00000,0000000 एप्रमाणे वर्तमानकाळ पण १८ संख्याश्रो अनुक्रमे दश दश गुणी गणवामां आवेछे. ॥ ६५ ॥ ܘܘܘܘܘܨܐ १०,००००० १,००००००० १०,००००००० ६० फल ३६ फल फल अब्ज ख निखर्च ( ४१ ) मध्य अख्य परार्ध १००००००००० १०००, ००००००० पूर्वे कला गुणाकार विभिनुं उदाहरण ( दाखलो ) आ प्रमाणे हे— जेम १३५ नी रकमने १२ गुणी करी होय मो १६२० आये सर्वत्र शास्त्रपां शब्दद्वारा जे रकम कही होय ते शब्दोनो अनुक्रम 'डावी बाजुर गणवो ॥५३॥ 7 श्रीजी बीते १३२ गुणक १२ गुणक १३५ गुण्य १२ गुण्य २७० फल पगाथामा गुणक गुण्यनो रकमने स्थापवानी विधि दर्शाची अने मा. गळनी गाथांमां गुणक गुण्यनो गुणाकार करतो एकेक रकमनो जे गुणाकार आये तेने स्थापघानी विधि दर्शायी है. इथे गुणाकारती विधि नीचे प्रमाणेएक रौते म १२ गुणकपदे १३५ गुण्यने गुणतां प्रथम १२ ने अभ्य अंक ५ धी गुणां फळ ६ आवे त्यारबाद १२ ने उपास्य अंक ३ थो गुणतां फळ ३६ आवे से उपरमा ६० मां जो एक अंक बाकी राखी नीचे स्थापेल . त्यारबाद १२ १६२० सं० १६२० मंक० ने पालक हटी १ साथै गुणतां फळ १२ आ तेने पण पूर्वफळ ३६ नो एक अंक ६ ने अधिक [ बाकी ] रात्री ३ नी नीचे स्थापनानी रोते स्थापेल छे. त्यास्वाद यथा स्थाने रहेला त्रण फळ मी (६०-३६-१२ भो) संकलना-लर्षाळी करता गुणाकार जवाब १६२० आये. १३५ फल १ जेम के शास्त्रमां पांच-त्रण - एक एम शब्दोमां स्वेल होय सी रकम गोटववामां प्रथम एक स्पारयाद त्रण ने त्यारबाद पांच गो. या जेथी १३५ याय.
SR No.090439
Book TitleLokprakash
Original Sutra AuthorVinayvijay
Author
PublisherSanghvi Seth Shri Nagindas Karamchand Ahmedabad
Publication Year
Total Pages629
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size16 MB
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