SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 172
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १४८ ) विलोक्य । 'तां' कामिनों 'वाञ्छतीह मदनोऽपि कामदेवोऽपि वशं याति । 'नरमप्यञ्जित नयनं' पुरुषमप्यञ्जितनयनं दृष्ट्वा । 'भूषाद्याः तस्य यान्ति वशं तस्य कज्जलाञ्जित पुरुषस्य क्षत्रियाद्यास्तदञ्जनाद्वश्या भवन्ति ॥१६॥ ! [ हिन्दी टीका ] - इस काजल से युक्त आंखों को जो कोई देखता है वह वश में हो जाता है, स्त्री ने अपने प्रांखों में डाला तो पुरुष वश में होते हैं, अगर पुरुष में डालकर राजा के सामने जावे तो राजा भी वश में होता है || १६ || पिशाचीपान विषमुष्टिकनकमूलं रालाक्षतवारिणा ततः पिष्टम् । सभावितपत्रं पिशाचयत्युदर मध्यगतम् ॥२०॥ [ संस्कृत टीका ] - " विषमुष्टि: ' विषडोडिका । 'कनकमूलं' धत्तुरमूलम् । 'रालाक्षतवारिणा' रालाक्षत धौतोदकेन । ' ततः पिष्टम् ' तस्मात् पिष्टम् । तद्रसभाविप' तत्पिष्टौषधरसेन भावितं ताम्बूल पत्रम् । पिशाच सति' पिशाच इवाचरति । 'उदरमध्यगतं' जठरमध्यं गते सति पुरुषं पिशाचयति ॥ २० ॥ [ हिन्दी टीका ] - जहरी कुचला, काले धतूरे की जड़ को कांगनी चांवल के धोवन के पानी में पीसकर उस रस में पान को भिगोकर, जिसको खिलावे, वह पिशाच के समान आचरण करे, अर्थात् उदर में प्रवेश करते ही पिशाच तुल्य आचरण करने लगता है ॥२०॥ fare नृकपाले शत्रुभयकररण काजल केप्सितरूपापिशाचिका सार्द्र चितमषीमथिते । मातगृहे कानन कापसिकृतव ॥२१॥ ( संस्कृत टीका ) - 'चिक्करिणका' इलोठा, करर्णाट भाषायां उहाठा । ईप्सित रूपा' बहुरूपा, सरटविट् । 'पिशाचिका' कपिकच्छुका । 'साद्र' चितमषीमयते' सार्व चितोद्भवगर्ष्या निर्मथिते । कस्मिन् ? 'तृकपाले' नरकपाले । मातृगृहे' सप्तमातृकारणां गृहे । 'काननकापसिकृतवर्त्य' अरण्योद्भव कापसिलेन निर्मितव ॥ २१ ॥ [हिन्दी टीका ] - चिक्करिण सुपारी, मोम, कोंचको को पीसकर, उनको जंगली कपास में मिलाकर बत्ती बनावे, उस बत्ती से सप्तमातृका के गृहों में गिली चिता की स्याही से (काजल) मथे हुए मनुष्य के कपाल पर || २१॥
SR No.090432
Book TitleBhairava Padmavati Kalpa
Original Sutra AuthorMallishenacharya
AuthorShantikumar Gangwal
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Occult
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy