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विषय
प्रेक्षायत्ताहानि की शंका का उत्तर ६३ निकम्प प्रवृत्ति में प्रामाण्यनिश्चय अहेतु ६४ सर्वसाधक उपमान प्रमाण ६५ उपमान स्वतंत्र प्रमाण नहीं है वैशेषिक ६६ उपमान स्वतंत्र प्रमाण है-मीमांसक ६७ वैधर्म्य ग्राहक स्वतंत्रप्रमाण की आपत्ति ६५ 'गवय 'पद का शक्तिशान उपमान का फल-नैया वाक्य या अनुमान से शक्तित्रह का असंभव अन्योन्याश्रय दोष का निरसन अनुमान से गघयपद की शक्ति का ग्रह-उपमानप्रतिपक्षी अनुमान से गवयपदशक्तिह असंभव-या. मिश्र और नव्यनैयायिकों का मतभेद ७२ नव्यनयायिक के साथ दूसरे विद्वानों का मतभेद युचित्रादीयों के सामने दूसरे विद्वानों की आशंका दुसरे विद्वानों की शंका के प्रति युक्तिवादीयों का उत्सर उपमिति शान के प्रादुर्भाव की प्रक्रिया का निष्कर्ष उपमिति का प्रत्यभिज्ञा में अन्तर्भाध-व्याख्याकार प्रत्यभिक्षाभेद न मानने पर नये प्रमाण की आपत्ति शतपर्पजीवितहान का अनुमिति में अन्तर्भाव अनुचित अर्थापत्तिप्रमाण से सशसिद्धि
बिषय वक्तृत्व असर्वशता का अनुमापक होने की आशंका अग्नि और धुम्र में कार्यकारणता की सिद्धि गर्दभ में कुम्भकारकार्यन्व के प्रसंग का निरसन वक्तृत्व असघशता का कार्य नहीं है ८२ अर्थापत्ति प्रमाण अनुमान से अभिन्न ८३ पक्षमता से हा अनुमानोदय बादी नैयायिक मत नैयायिकमत की चिन्सनीयता व्यतिरेकष्यातिज्ञान स्वतन्त्रप्रमाण नहीं है ८६ हेतु और साध्य का शान क्रमिक होता है विरोधशान अर्थापतिप्रमाण रूप नहीं है विशेषान्तरप्रकारक बुद्धि अर्धापत्तिरूप नहीं है सर्वत्र को अभावप्रमाण का विषय मानने में अशान चक्षु अप्राप्यकारिता वादस्थल चक्षु जसकिरणमय होने की आशंका ९० चक्षु में तैजसत्व का निराकरण-उत्तर ९१ दियारादि से ध्यवहितवस्तु के ग्रहण की आपत्ति प्राप्यकारिवपक्ष में उक्तदोप तदवस्थ-प्रत्युत्तर उदयनाचार्य के समाधान का निरमान ९२ स्फटिक में अभेद प्रत्यभिज्ञा की अनुपपत्ति अप्राप्यकारितापक्ष में गौरव दोष का आपादन
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