SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 111
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिशिष्ट २-टीकायामुद्भुतवाक्यांशाः अभ्यात्ममतपरीक्षा-को २२ गिगा..! [मिनीसूद ११-२] [माहामारत[मनुस्मृति पृष्ठांक अकारणमशः माये तमसि मानामः सम्मतर-पमा मशुद्धमिति पेम् मागसोपपसिश्र का कंटकानां Pाब पिया पोवना रक्षणोऽर्थों धर्मः जपस्तु सर्वधर्मभ्यः अपनेय तु ससित ज्ञानपानीपरीक्षित से होति परावेक्षा तत्य य हेवामी न जातु कामः कामानां न हेतुरस्तीति बदर नोत्सृष्टमन्यार्थ प्राप्तव्यो नियति अधिमो सम्मई सण १२ मानसी वासनाः पूर्व पथा यथा पूर्वानस्प ६४ ये चारकर्मण ६४ बरं पराकश्शार्षाका ६४ हिसानिसंसक्त [माचारहस्य-३०] [सम्मतिसूत्र १४.] [मनुस्मृति-] 1 [मन्ययोमव्यम्रपदविशिका-११] [सम्मतिसूत्र-१४१] [ योगशास्त्र २-१७] [ " २-३८] [भयोगव्यवच्छेवताविशिका-१०] ॐ शुद्धिकरण पृष्ठाक पं. भादिः शुद्धिः । पृ. '. मगुद्धिः शुद्धिः ७५ १४ प्रयत प्रयुक्त सुद्धता से सुवृद्धता भागप्रयोजनं भारप्रयोजन घटादिक घटाणि यत् नियन प्रकृविस्य प्रकृतिकस्य निवग नियंग प्रतिमाय प्रतिपाछ कविश्य षिष्य ५५ ३० बदिता प्रिहिता की १४ ५ बायपत्ती वोपपतौ स्वनियत समनियन १ १२ पास बह धिकच जीव स २ । व्याघात यापासात
SR No.090418
Book TitleShastravartta Samucchaya Part 2 3
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorBadrinath Shukla
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy