________________ धर्म एवं प्राचार शास्त्र] 166 पूर्ण एव शुध्द / दशा-उत्तम / वेष्टन नं 0 1506 / 463 प्रति न०१६ / पत्र सं० 31 / साइज-१२x६ इन्च / लेखनकाल-सं० 1634 वैशाख बुदी 4 / पूर्ण एवं शुद्ध / दशा-सामान्य / वेष्टन नं० 1510 / विशेष - हिन्दी अर्थ पनलालजी कृत है / ग्रन्थ की प्रतिलिपि में 1- खर्च हुई धे ऐसा भी लेख हैं। 464 प्रति नं० 20 / पत्र सं० 22-11 / साइज-१०३४५ इञ्च / लेखनकाल x / अपूर्ण एवं सामान्य शब्द / दशा-सामान्य / वेष्टन नं० 1416 / 465 प्रति नं० 21 / पत्र सं० 66 / साइज-xk इञ्च / लेखनकाल–सं. 1620 फाल्गुन बुदी 13 / मपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा-जीर्ण-शीर्ण / वेष्टन नं० 1500 / विशेष—प्रभाचन्द्र कृत संस्कृत टीका सहित है। 466 रत्नकरण्डश्रावकाचार भाषा-4. सदासुखजी कासलीवाल / पत्र सं० 618 1 साइज-१२४५ इञ्च | की माषा--हिन्दी / विषय-श्रावक धर्म वर्णन / रचनाकाल-सं० 1620 / लेखनकाल--सं० 16.1 पूर्ण एवं शुद्ध | दशासामान्य / वेष्टन नं. 1501 / विशेष-प्रति स्वयं भाषाकार के हाथ से लिखी गई है। 467 प्रति न०२। पत्र सं० 374 / साइज-१२४८ इन्च / लेखनकाल-सं० 1933 | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध / दशा-सामान्य / वेष्टन नं. 1502 / 468 प्रति नं०३पत्र सं० 452 / साइज-१११४५३ इन्च | लेखनकाल-सं० 1926 श्रासोज खुदी 15 / पपूर्ण-पत्र 185 से 222 तथा 301 से 386 तक के पत्र नहीं है / शुद्ध / दशा-सामान्य / वेष्टन नं० 1504 / 466 प्रति नं. 4 / पत्र सं० 323 / साइज-१२६x४. हश्च / लेखनकाल x 1 अपूर्ण-५१ से 86 तक के पत्र नहीं हैं / सामान्य शुद्ध / दशा--जीर्ण / वेप्टन नं. 1903 / विशेष-नीले कागज पर है। 500 प्रति नं०५। पत्र सं० 515 / साइज-११४५३ इञ्च / लेखनकाल x / अपूर्ण र 26 से 633 तक के पत्र नहीं हैं। शुद्ध सामान्य ! दशा-सामान्य / वेष्टन नं० 1505 / - 501 प्रति नं०६। पत्र सं० 522 / साइज-११४७६ इन्च / लेखनकाल-स० 1939 / पूर्ण एवं शुद्ध / दशा-उत्तम / वेष्टन नं० 1506 / ....... . 502 प्रति नं०७। पत्र सं० 432 | साइज-११४७६ इन्च / रचनाकाल-सं० 1920 / लेखनकालसं० 1625 / पूर्ण एवं शुद्ध | दशा-सामान्य / वेष्टन नं० 1507 | 503 रयणसार-कुन्दकुन्दाचार्य / पत्र सं. 6 | साइज-१.३५ इन्च 1 माषा--प्राकत / विषय-धर्म / रचनाकाल 4 ! लेखनकाल 4 / पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध / दशा-सामान्य / वेष्टन नं० 1521 /