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________________ (३४) विवरण है उसमें ५०३०१० पांच लाख तीन हजार पद हैं। जम्बू द्वीप प्रज्ञप्ति में जम्बू द्वीप- सम्बन्धी समस्त वर्णन है इसमें ३२५००० तीन लाख पच्चीस हजार पद हैं। दीपसागर प्रज्ञप्ति में अन्य द्वीपों तथा सागरों का विवेचन है इसमें ५२३६००० पद हैं। व्याख्याप्रज्ञप्ति में भव्य अभध्य, अनन्तर सिद्ध, परम्परा सिद्ध प्रादि का कथन है उसमें ८४३६००० पद हैं। दृष्टिवाद के दूसरे भेद सूत्र में ३६३ मिथ्या मतों का पक्ष प्रतिपक्ष रूप से वर्णन है, इस ८८००००० पद हैं। प्रथमानुयोग में वेसळ शलाका पुरुषों का वर्णन है। इसमें १०० पद हैं। पूर्व में भय है, उसमें समस्त ६५५०००००५ पचानवें करोड़ पचास लाख पांच पद हैं। जिनका विवरण नीचे लिखे अनुसार है। १-उत्पाद पूर्व में एक करोड़ पद हैं, इसमें प्रत्येक द्रव्य के उत्पाद ध्यय प्रौव्य का वर्णन है । २-प्रप्रायणी पूर्व में ७०० नय सथा दुर्नय, पंचास्तिकाय आदि का वर्णन है, इसमें ६६ लाख पद हैं। ३-वीर्य प्रवाद में ७० सत्तर लाल पद हैं, इसमें मात्म वीर्य, पर वीर्य गुरणवीयं आदि का विवेचन है। ४-अस्तिनास्ति प्रधाद में सप्त भंगी का कथन है इसमें ६० लाख ५--झान प्रवाद में एक कम एक करोड़ पद हैं, इसमें समस्त ज्ञानों का समस्त विवरण है। ६-सत्य प्रबाद पूर्व में शब्द उच्चारण, दस प्रकार का सत्य वचन, असत्यवचन, भाषा प्रादि का वर्णन है, इसमें एक करोड़ छः पद हैं । ७-भात्मप्रवाद' में २६ करोड़ पद हैं, इसमें प्रात्मा का समस्त विवरण ____E-कर्म प्रवाद में एक करोड़ अस्सी लाख पद है, इसमें कर्मों से सम्बन्धित समस्त कथन है। -प्रत्याख्यान पूर्व में द्रव्य क्षेत्र काल संहनन आदि की अपेक्षा त्याग समिति गप्ति मादि का विवेचन है । इसमें ८४ लाख पद हैं। १०-विद्यानुवाद पूर्व में एक करोड़ दसलाख पद हैं। इसमें अंगुष्ठ सेना आदि ७०० अल्प विद्याओं तथा रोहिणी प्रावि ५०० महाविद्यानों, मन्त्रसन्द पारि विषय है।
SR No.090416
Book TitleShastrasara Samucchay
Original Sutra AuthorMaghnandyacharya
AuthorVeshbhushan Maharaj
PublisherJain Delhi
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
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