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सर्वविशुद्धज्ञानाधिकार म्यंमवलंबे ॥२२५॥ यदहमकार्ष यदचीकरं यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासं मनसा च वाचा घ कायेन चेति तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ॥१॥ यदहमकार्ष यदचोकरं यत्कर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञास मनसा च वाचा च तन्मिथ्या मे दुष्कतामिति ॥२॥ यदहमकार्ष यदचीकरं यत्कुर्वतमप्यन्य समन्वज्ञासं मनसा च कायेन चेति तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।। ३ ।। यदहमकार्ष यदचीकर यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासं वाचा च कायेन चेति तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ॥४॥ यदहमका यदचीकरं यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासं मनसा च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ।। ५ ।। यदहमकार्ष यदचीकरं यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासं वाचा च तन्मिथ्या में दुष्कृतमिति ।। ६ ।। यदहमकार्ष यदचोकरं यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासं कायेन च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ॥ ७ ।। यदहमकार्ष यदत्रीकरं मनसा च वाचा च कायेन च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ||८|| यदहमकार्ष यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्यज्ञास मनसा च वाचा च कायेन च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ॥६॥ यदहमचीकर यत्कुर्वतमप्यन्यं समन्वज्ञासं मनसा च वाचा च कायेन च तन्मिथ्या में दुष्कृतमिति ।। १० ।। यदहमकार्ष यदचोकर मनसा च वाचा च तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति !॥११॥ यदहमकार्ष यत्कुदुहिद, य, ज, चेदा, त, त, पुणो, वि, वीय, दुक्ख, अविह। धातुसंज्ञ-कुण करणे, बंध बंधने, मुण ज्ञाने, जो मैंने मनसे तथा वचनसे किया, कराया और अन्य करते हुएका अनुमोदन किया, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ।। २ ।। जो मैंने मनसे तथा कायसे किया, कराया और अन्य करते हुएका अनुमोदन किया, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ।। ३ ।। जो मैंने वचनसे तथा कायसे किया, कराया और अन्य करते हुएका अनुमोदन किया, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ॥ ४ ॥ जो मैंने मनसे किया, कराया और अन्य करते हुएका अनुमोदन किया, यह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ।। ५ ॥ जो मैंने वचनसे किया, कराया और अन्य करते हुएका अनुमोदन किया, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ॥६।। जो मैंने कायसे किया, कराया और अन्य करते हुएका अनुमोदन क्रिया, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ॥७॥ जो मैंने मनसे, वचनसे तथा कायसे किया और कराया, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ॥६॥ जो मैंने मनसे, वचनसे और कायसे किया और अन्य करते हुए को अनुमोदा वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ॥६॥ जो मैंने मनसे, वचनसे तथा कायसे कराया और अन्य करते हुएको अनुमोदा, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ॥१०॥ जो मैने मनसे तथा वचनसे किया और कराया, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ॥११॥ जो मैंने मनसे तथा वचनसे किया पौर अन्य करते हुएका अनुमोदन किया, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ॥१२॥ जो मैंने मनसे व वन से कराया और अन्य करते हुएका अनुमोदन किया वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ।।१३।। जो मैंने मनसे तथा कायसे किया और कराया, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो ॥१४॥ जो मैंने मनसे तथा