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का फल सत्य व्रत का फल अचौर्यव्रत का फल ब्रह्मचर्य व्रत का फल पुनः उसी को बात को दृढ करते है अपरिग्रह व्रत का फल म-कार त्यागने का फल मद्य के दोष मधु-दोष व्यसन निन्दा रात्रि भोजन त्याग का फल णमोकार मन्त्र के स्मरण का फल रात्रि में णमोकार मन्त्र का स्मरण करने का फल नित्य नैमित्तिक क्रिया अष्टमी क्रिया पाक्षिकी क्रिया चतुर्दशी क्रिया नन्दीश्वर क्रिया गृहस्थाचार्य का लक्षण ध्यान की प्रेरणा दुःख से मुक्ति कर्तव्याकर्तव्य मिथ्यामत को पोषण करने का निषेध मर्यादा पालन व्रत रक्षा प्रायश्चित ग्रहण जैन श्रावक की क्रियाएं जैन-विधि अन्तिम मंगल
10 101 102 103 104 106 108 110 114 115 117 119 120 122
परिशिष्ट १ :- कौन सी भक्ति कब करनी चाहिए ?| 124 परिशिष्ट २ :- श्लोकानुक्रमणिका
129 परिशिष्ट ३:- पाठ भेद
131 परिशिष्ट ५ :- टीका में प्रयुक्त ग्रंथ
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सुविधि मान चन्द्रिका प्रकाशन संस्था, औरंगाबाद.