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________________ ( १६) विषय श्लोक अनन्तमति की कथा उदायन राजा की कथा रेवती रानी की कथा जिनेन्द्र भक्त सेठ की कथा वारिषेण की कथा विष्णुकुमार मुनि की कथा वज्रकुमार को कथा अंगों की उपयोगिता लोक मूढ़ता का स्वरूप देव मूढ़ता का स्वरूप पाखंड मूढ़ता का स्वरूप आठ मद के नाम मद करने से हानि का वर्णन मद किस प्रकार जीता जा सकता है इसका वर्णन । सम्यग्दर्शन की महिमा धर्म अधर्म का फल सम्यग्दर्शन से युक्त जीव कुदेव को नमस्कार नहीं करता मोक्षमार्ग में सम्यग्दर्शन की प्रधानता सम्यग्दर्शन के बिना सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र का होना असम्भव है मोही मुनि की अपेक्षा निर्मोही गृहस्थ श्रेष्ठ सम्यक्त्व के कल्याण तथा मिथ्यात्व के समान अकल्याणकारी वस्तु दूसरी नहीं ज्ञान और चारित्र की अपेक्षा सम्यग्दर्शन की उत्कृष्टता ३५
SR No.090397
Book TitleRatnakarand Shravakachar
Original Sutra AuthorSamantbhadracharya
AuthorAadimati Mata
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages360
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size9 MB
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