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ग्रन्थानुक्रमणिका 1
[ १२७५
५६६
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ग्रंथ नाम लेखक भाषा पत्रसंख्या | ग्रथ गाम लेखक भाषा पत्र संख्या व्रतकथाकोश-मल्लिीभूषा
| वृत रत्नाकर-भट्ट केदार प्रा. व्रतकशाको: ...मुरामचनः
१०मस्ताकर नीका-4 सोमचन्द्र सं. ५६६ व्रतकथाकोश -सफलफीति सं० ४३८ ।
| वृक्ष रत्नाकर टीका-जनार्दन विबुध । व्रतकथाकोश-६० अभ्रदेव सं०४५८ वृत्त रत्नाकर वृत्त-उमसुन्दर सं० ५९६
इस रत्नाकर वृत्ति-हरि भास्कर सं. ६०० वृत बंध पद्धति
११२४ व्रतकथाकोण-खुशालचन्द
वृक्ष समांत यंत्र
१०१७ ४८१, ४८२
वृद्धि गौतमरास व्रतकथा रासो
चन्द विनोद सतसई---वृन्दकवि
११६६ व्रतकथा संग्रह
वृन्द विलास - कविवृन्द हिर व्रतकथा संग्रह
वृन्द शसक- कवि वृन्द व्रतकथा संग्रह
दृन्द संहिता - परम विधराज' बत निर्णय
वृषभजिन स्तोत्र ६०५ वाषभदेव गौत-ब्रज मोहन
१२०० व्रत पूजा संग्रह
६०५ | दृषभदेव का छन्द प्रतविधान ६०५ वृषभदेवनी छन्द
दि. ११५८ শনি
वृषभदेव लावणी-खास हि. ११७१ असविधान पूजा-अमरचन्द
१०६] वृषभदेव वन्दना-अानन्द हि १०६६ व्र विधान रासो-दिलाराम हि
| वृषभदेव स्तवन - नारायण हि. व्रतविधानरासो-दौलतराम पाटनी हि
| वृषभ स्तोत्र-पं०पयनन्दि __ मं. ७६० प्रत विवरण
हि. १०६८ वृषभनाथ परित्र--सकलकीति ग्रत समुच्चय व्रतसार सं. १६४, वृषभनाथ छन्द
हि ११४१ १७,१०१२, ११३६ । वृषभनाथ लावणी-मायाराम हि. ११५८ प्रत स्वरूप-भ० सोमसेन सं० १११७
वहद कलिकुण्ड पूजा
सं. ११३६ प्रतोद्यापन संग्रह
सं. १०७ वृहद गुरावली
सं० ११३८ व्रतोद्यापन पूजा संग्रह
सं०१०३
वृहद गुरावली पूजा-स्वरूपचन्द हि००८ प्रतोद्योतन श्रावकाचार-अभ्रदेव ० १६४ वृहज्जातक
वृहज्जातक टीका--बराहमिहिर सं० व्रतों का व्यौरा
वृहदतपागच्छ गुरावली सं० ६५५ वृत्त चन्द्रिका कृष्णाकवि दि०५६८ | वृहद तपागच्छ गुराबली मुनि गुन्दरसुरि व्रत रत्नाकर--भट्ट केदार स. ५६८,
सं० ५६९ | वहद दशलक्षण पूजा.-केशवसेन हि. ११८
६४१ | वृष
७६०
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