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१२७४ ]
ग्रंथ नाम
लेखक
संपक पंचासिका - जिनदास
वचनको
बुलाकीदास
वज्जवली - पं० वल्लड़ बच उत्पत्ति वर्णन
हिन्
प्रा०
सं०
नाभि चक्रवती वैराग्य भावना हि० बज्रपंजर स्तोत्र यंत्र सहित बच पंजर स्तोत्र
व
.ܶ
वज्रसूची (उपनिषद) श्रीधराचार्य सं०
वन्देवान जयमाल
figo
सं०
वर्द्धमान परि-प्रथम
वर्द्धमान
बर्द्धमान
वस्देतान जयमानमानन्दी वर्तमान चौबीसी पूजा- चुनीलाल हि वर्द्धमान काव्य - जयमित्र हल अप० यक्ष मान भरि बीघर
ग्रुप०
सं०
वर्द्धमान चरित्र - सकलकोति
बद्ध भान पुराण
वर्तमान पुराण- कवि
भाषा पत्र संख्या । ग्रंथ नाम
हिο
१०३५
मुनिन्दिसं० विद्याभूषण
भानपुराण नवल शाह
वमान स्तुति यह मान स्तोत्र
सं०
सं०
हिο
मं०
हि Fig.
सं०
fige
वर्द्धमान पुराण – घकलकोति मान पुराण भाषा वह मान पुराण माषा नवलराम हि० वमान पूरा सेवकराम हिο वद्ध मान रास-वर्द्धमान कवि हि० वर्द्धमान बिलास स्तोत्र - जगद् भूषण सं० व मान समवशरण वर्णन - प्र० गुलाल
हि
हिο
सं०
५३६
६१४
१२००
२१६
३५७
१०५०
१२०
११०७
८'७५
१०३
ई
३५६
३८६
३८६
३८६
३६६
२१६
२९६
२६६.
२७
२६७
२६
२१६
१०३
६४१
७५७
१६२
७५७
२७७४,
१. ११२५
लेखक
बर्द्धमान स्वामी कथा -- मुनि श्री ब्रह्मानन्द
मं०
वर्ष तंत्र— नीलकण्ड
वर्षफल -वामन वर्णभावकल
वर्धनाम
घरांग चरित्र तेजपाल
धप०
वरांग चरित्र - भ० वर्द्ध मानदेव प्रप०
जसंग चरित्र – कमलनयन
वरांग वरिष पांडेलाभन्द
वरुण प्रतिष्ठा
वशीकरण मंत्र
वसुदेव प्रबंध - जयकीर्ति
वसुधीरचरित्र श्रीभूषण
त्रसुदाश
वसुधरा महाविया
वसुधरा स्तोत्र
[ प्र'धानुक्रम रिका
भाषा पत्र संख्या
गीत
व्रतकथा
व्रतकथा - खुणालचन्द व्रतकथा कोश - श्रुतसागर
व्रतकथाकोश--- देवेन्द्रकी
व्रतकथाको नेमिदत्त
-
सं०
सं०
ह्रि
हि०
सं०
सं०
हिο
हि●
वसुनन्दि श्रावकाचार - प्र० वसुनन्दि सं०
वसुनन्दियावकाचार भाषा
हि०
वसुनन्दिधावार भाषामदास
बं
सं०
हि०
वसुनन्दिभावका चार भाषा दीराम हि वसुनन्दि श्रावकाचार भाषा - पन्नालाल हि० वसुनन्दि खावका चार वचनका हि०
वस्तुज्ञान
सं०
हि०
सं०
हिन्
सं
सं०
४७७
५६०
५६३
५६३
११३५.
53
३०२,
३८४
३८४
७५७,
७५८, १०१७ ११५७
१६०,
१६१
१५२
३८५
१२००
१११६
૪૬૪
६४५
२०३
E
१६१
१६२
१६२
१६२
१११६
१०२५
११३६
१०७५
४७७
४७७
૪૭૭