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[ प्रथानुक्रमणिका
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सं०
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सं.
३०७ ४३५
ग्रंथ नाम लेखक भाषा पत्र संख्या | ग्रंथ नाम लेखक भाषा पत्र संख्या बृद६ पुण्याहवाचन
वासुपूज्य पूजा--गमचन्द्र वृहद पूजा संग्रह
सं० प्रा० ६०८ यासपूज्य स्तोत्र--मेकचन्द्र वहद पंच कल्याणक पूजा विधान
वास्तु कर्म गीत
९७८ बृहद शांतिपाठ
वास्तु पूजा न
६३ बृहत शांति पूजा
वास्तु पूजा विधि वहत शांति विद्यान-धर्मदेव
वास्तु विधान
१०३
वास्तुराज-- राजसिंह बहत शांति विधि एवं पूजा संग्रह
वास्तु शास्त्र
१२.१ वृहद शांति स्तोत्र
वास्तु स्थापन
१२०१ वृष्टद षोडशकारण पूजा
विक्रम चरित्र-रामचन्द्र सूरि सं० ३८७ ९४८
विक्रम चरित्र चौपई–माऊ कवि हि। यहद सम्मेद शिखर महात्म्य-मनसु । गर
विक्रमलीलावती चोपई—जिनचन्द्र हि० हि. १०६
विक्रमसेन चउपई-विक्रमसेन वहद सिद्धचक्र पूजा---म भानुकीति सं० १०६
विच रषमितिका
सं०६४२ बृहत सिद्ध पूजा-शुभचन्द्र सं० १०६३
वनारपट निकायचोख स. १६३ बृहद स्नपन विधि
११३६, सं०
विचारपमिशिकास्तवन टीका-राजसागर वृहद स्वयंभू स्तोत्र-समतभन्न सं.
प्रा हि ७५८
विचारसार षडशीति वाकद्वार. पिंडकथा
१२०० विचार सूखमी वाक्य मंजरो
५१९ विचार संग्रहणी वत्ति यागभट्टालंकार · वागभट्ट ५६६, विचारामृत संग्रह
सं० ६७४ ५६ विजयचन्द परिय
प्रा. वाग्भट्टालंकार टोका-जिनबद्धन सुरि
विजयमद्र क्षेत्रपाल मीत-प्र० नेगिदास सं०
हि. १२०१ बाग्भट्टालंकार टीका-वर्द्धमान सूरि ।
विजय यंत्र
६२३ सं०
विजय मंत्र याग महालंकार टीका-वादिराज सं०५६७
विजय यंत्र परिकर
सं० १११६ वाग्मट्टालंकार वृत्ति-जान प्रमोदवाचक गणि विजय यंत्र प्रतिष्ठा विधि सं० १११६
सं०५६७ पाच्छा कल्प
सं०
| विज्जु सेठ विजया सती रास–रामचन्द १२००
हि. १४१ बाजनेय संहिता
१२०० वार्ता-चुलाकीनास
हि. १०२२ | विदग्न मुखमंडन-धर्मदास सं० २६०, वासपूज्य गीत-न• यशोधर हि० १०२६ | विदग्ध मुख मंडन टीका--विनयसागर सं० १२०१
६६३,
प्रा०
३८७
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