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गुटका संग्रह ]
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शत्रुजय स्तवन
समयसुन्दर हिन्दी सत्वार्थ सूत्र
उमास्वामी संस्कृत भक्तामर स्तोत्र
मानतुग लक्ष्मी स्तोत्र चौसठ योगिनी स्तोत्र वृषभदेव चंदना
प्रानद ऋषि मंडल स्तोत्र
सस्कृत पोसह कारण गाथा गौतम पृच्छा जिनाष्टक
९६२१. गुटका सं० २३ । पत्रसं० ४८ | या० ५३४४. इञ्च । भाषा-हिन्दी-संस्कृत । लेकालX । पूर्ण । वेष्टत सं०६२।
विशेष-पूजाओं तथा अन्य सामान्य पाठों का सम्रह है।
६६२२. गुटका सं० २४ । पत्रसं० ७६ 1 प्रा० ७४५३ इश्च । भाषा-हिन्दी । ले०काल X । पुरणं । धेन सं. ११
विशेष-मख्यतः निम्न पाठों का संग्रह है१. बाहुबलिछंद कुमुदचन्द हिन्दी २० काल सं० १४६७ विशेष-कुल २११ पद्य हैं रचना का प्रादि अत भाग निम्न प्रकार हैयादि का पाठ पत्र १३)
प्रथमविपद प्रादीश्वर केरा, जेह नामे छटे भय फेरा । ब्रह्म सुता समरू मति दाता, गुण चरण पंडित जगविदत्ता ॥२॥ भरत महीपति कृत मही रक्षण, बाहुबलि वलवंत विचक्षरण । तेह भनो करमु नवछंद, सांभलता भणता प्रानद ॥३॥ देह मनोहर कौशल सोहै, निरषतां सुरतर मन माहे । तह माहि राजे अति सुन्दर, साकेता नगरी तब मदिर |
मध्य पाठ
विकसति कमल अमल दलपंती,
कोमल कमल समुज्जल कंती 1 बनवाडी श्री राम सुरंगी अंब कदंबा ऊबर तुगा ॥४२॥ करणा केतकी कमरख केली, नव नारंगी नागर वली । अगर नगर वरु तंदुक ताला, सरल सुपारी तरल तमाला १४३|| बदनि बकुल बादाम विजोरी, जाई जुई, जंबू जंभीरी । चंदन चंपक चार चारोनी, वर वासंति बर सोली ॥४४11