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________________ । ५६५ गुटका-संग्रह ] ११. हनुमंतकथा १२. बोस विरहमानपूजा १३. निरिणकाण्डभाषा हिन्द्रा बह्म रायमान हर्षकीत्ति भगवतीदास १४. सरस्वतीजयमाल शानभूषण संस्कृत १५. अभिषेकपाठ पाउ - १६. रविव्रतकथा १७. चिन्तामणिलग्न ११२-१२१ सस्कृत ने. काल १८२१ १२२ हिन्दी १२३-१५१ १८. प्रद्युम्नकुमाररासो ब्रह्मरायमल्ल र० काल १६२८ ने काल १८११ संस्कृत धनञ्जय १६. श्रुतपूजा २०. विषापहारस्तोत्र २१. सिन्दूरप्रकरण २२ पूजासंग्रह २३. कल्पारणमन्दिरस्तोत्र बनारसीदास हिन्दी १५७-१६६ १६७-१७२ कुमुदचन्द्र संस्कृत २४. पाशावली हिन्दी १८४-२१७ २१७-२२२ २५. पवाल्याएकपाठ रूपचन्द विशेष-कई जगह पत्रों के दोनों प्रोर सुन्दर बैल हैं। । ५२६२. गुटका सं०१२ । पत्र सं० १०६ । प्रा० १०३४६ इश्च । भाषा-हिन्दी । विशेष-निम्न पाठों का संग्रह है। १. यज्ञ को सामग्री का ब्यौरा ४ हिन्दी विशेष-ग्रिय जागी की मौजे सिमरिया में प्र० दवाराम ने ताकी सामा पाई संख्या १७२७ माह बदी X पूर्णिमा पुरानी पोथी में से उतारी । पोथी जीरए होगई तब उतरी | सब चीजों का निरख भी दिया हुआ है। २. यजमहिमा हिन्दी विशेष-मोजे सिमरिया में माह सुदी १५ सं० १७६७ में यज्ञ किया उसका परिचय है। सिमरिया में चौहान वंश के राजा धीराब थे। मायाराम दीवान के पुत्र देवाराम धै | यज्ञाचार्य मोरेना के पं० टकसन्द थे । यह यज्ञ सात दिन तक चला था।
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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