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________________ २२ ] १३७. लब्धिसार टीका - माधवचन्द्र विशदेव | पत्र संख्या -६७ | भाषा-संस्कृत । विषय- सिद्धान्त । रचना काल - । लेखन काल- ४ । पूर्वं । ष्टन नं० ८७७ | विशेष—इस प्रति की सं० १५८३ वाली प्रति से प्रतिलियों की गई यो । १३. प्रति नं० २ - पत्र संख्या - २४ | साइज - १४४६ ३ इव । लेखन काल -X | श्रपूर्ण | वेष्टन नं०८७८ - १२३७ भाषा अब्धिसार भाषा - पं० टोडरमल | पत्र संख्या -१ से ४५ I १३६. हिन्दी | विषय - सिद्धान्त । रचना काल -X | लेखन काल -> | अपूर्ण । वेष्टन नं ० ६० । १४० षट् द्रव्य वर्णन - पत्र संख्या - ११ | रचना काल -x ] लेखन काल -X | धपूर्ण । वैप्टन नं० ६२५ | [ सिद्धान्त एवं चर्चा साइज - १४४६६ इन । साइज - १२४६६ | भाषा - हिन्दी] | विषय - सिद्धान्त । २४१. सर्वार्थसिद्धि - पूज्यपाद पत्र संख्या - १२२ । साइज - ११३४५६ इंच | भाषा-संस्कृत | विषय- सिद्धान्त । रचना काल -X | लेखन काल - ० १५२१ चैत ३ । पूर्ण वेष्टन नं० ४० | विशेष – लेखक प्रशारित पूर्ण नहीं है । केवल संवत् मात्र है। प्रति शुद्ध है। १४२. सिद्धान्तसार दीपक - भ० सकलकीर्ति । पत्र संख्या -५ से २१ साइज १२४६ च । भाषा-संस्कृत | विषय - सिद्धान्त । रचना काल -X | लेखन काल -X | पूर्ण । वेष्टन नं० १०७ | विशेष-तृतीय अधिकार तक है । १४३. प्रति नं० २- संख्या १२ से ४० | साइज - १०३x६ई इस 1 लेखन कात x 1 श्रपूर्णं । वेष्टन नं० १०८ । १४४. प्रति नं० ३- पत्र संख्या ३८ से २७५ | साइज - १०x४३ इंच । । लेखन काल - X। श्रपू । वेष्टन नं० २०० । १४५. सिद्धान्तसारदीपक भाषा - नथमल बिलासा | पत्र संख्या - २४५ । साइज - १०३०३ । माषा-हिन्दी 1 विषय- सिद्धान्त । रचना काल - सं० १८२४ । लेख्नन काल - सं० २०३५ । पूर्ण । वेष्टन नं० २९५ ।
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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