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[गुटके एवं संग्रह ग्रन्थ विषय-सूची कर्ता का नाम
माषा विशेष (१) गुनगंजनम
हिन्दी ४२२ पयों की संख्या है। मारम्म के १०४ पच नहीं है । पथ सम्दर है खिपि विकत है। ले० सं० १७१२ जेठ सदी २ । (२) गर की पावनी पद्मनाभ
१० का० सं० १५४ बावनी में १४ पद हैं | कवि ने प्रारम्भ और अन्त में अपना परिचय दे रखा है प्रति अशुद्ध है । लेखन काल अपार दी। बावनी के प्रत्येक पध में 'गर श्रीमाल को सम्बोधित किया गया है।
सं
३
(३ विवेक चौपई
नागुलाल (४) चेतन गीत
जिनदास (५) मदनबद्ध चूराज
२० का सं० १५ (६) बीहल का वावनी
कोहल (७) नन्दु सप्तमी कमा
२० का० सं०१६ (८) चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न बहरायमल्ल (# ) पंचोगीत
खोहल (१०) साधु बंदना
बनारसीदास (११) जोगीरासो
जिनदास (१२) श्रीपाल रासो
ब्रह्मरायमा इसके अतिरिक्त अन्य पाठ संग्रह भी है । भक्तामर स्तोत्र, पूजा, जयमाल, कल्याणमन्दिर स्तोत्र, पञ्चमंगल, मेषकुमार गीत (पुनो) आदि ।
६२७. गटकानं०१५६-पत्र संख्या-१४६ । साइज-६xx इब। भाबी-हिन्दी। विषय-संग्रह । लम्बन काल -X1 पूर्ण ।
विशेष-सामान्य पाठों का संग्रह है।
३२. गुटका नं० २२५-पत्र संख्या-२४० ! साहज-txkar ] भाषा-हिन्दी । लेखन काल-x।
पूर्ख।
विशेष पूजा पाठ के अतिरिक्त निम्न पाठों का संग्रह है:
विषय-सूची (१) पंचागुव्रत की जयमाल
कर्ता का नाम बाई मेघनी
भाषा
विशेष हिन्दी (मणि चेतन सगा घखा जोहा जीव दया प्रत पाली)
(२) सिद्धों की जयमाल ( ३ ) गोमट्ट की जयमाल