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________________ [ गुटके एवं संग्रह अन्य ३०. पच है ३०२ ] (५) ग्वीराजलि पृथ्वीराज (कृप्य रूकमणी वेलि ) लेखन का. १७२ श्रावण सुदी १३ । हिन्दी गय टीका सहित है। ६२०, गटका ११-पत्र संख्या-१३ से ६६ | साज-४४४५। भाषा-हिन्दी । लेखन काल-x | अपूर्ण। विशेष-हेमराज कृत भक्तामर स्तोत्र टीका है । प्रति जीर्ण है । ६२१. गुटका नं० १२०-पत्र संख्या-३४ । साइज-५४४ १४) भाषा-प्राकृत-संस्कृत । लेस्त्रन काल-X । पूर्ण एवं जीर्ण । विशेष-परमानन्द स्तोत्र, दर्शन पाठ, सहस्रनाम ( जिनसैन ), सकीकरण तपा द्रव्य संग्रह प्रादि पाठों का संग्रह है। संस्कृत ६२२. गुट का नं० १२१-पत्र संख्या-४० । साइज-५४४ इञ्च । भाषा-संस्कृत 1 लेखन काल -४ । पूर: विषय-सूची का का नाम মণি। विशेष रामस्तवन सनरकुमारसहिताया नारदोक्त श्रीरामस्तवराज संपूर्ण । यादित्यहृदय स्तोत्र भत्रियोत्तरपुराणे श्री कृप्याजुन संबादे । सप्तश्लोकी गीता चतुश्लोकोगीता कृपाकवर ६२३. गुटका नं० १२२-पत्र संख्या-११७ (साइज-४४४ इञ्च । भाषा-संस्कृत ! लेखन काल-x | पूर्ण । विशेष- तत्वार्थसूत्र, देवसिद्ध पूजा, लबु चाणक्य नीति शास्त्र आदि पाठों का संग्रह हैं। ६२४. गुटका नं० १२३-पत्र संख्या-६ . | साइज-६४४ इञ्च । माषा-संस्कृत । लेखन काल-X । पूर्ण । विशेष-यंत्र लिखने तथा उसके पूजने की दिनों की विधि दी हुई है। ६२५. गुटका नं०१२४-पत्र संख्या-१२५ । साइज-६x६ इन्न । भाषा-हिन्दी-संस्कृत। लेखन काल-x1पूर्ण। विशेष--मुख्य निम्न पाठों का संग्रह है।
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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