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________________ २८०] [ गुट के एवं संग्रह ग्रन्थ ५६८. गुटका नं०६७-पत्र संख्या-५ से ११३ | साइज-६xइष | भाषा-हिन्दी लेखन काल-x अपूर्ण। विषय-सूची का का नाम भाषा कुदालीला वर्णन पत्र ५-१७ होली वर्णन बारहमासा पत्र सं. ७४७ स्फुट पद पत्र ७८ से ११३ ५६६, गुटका नं०६८-पत्र संख्या-२३ । साइज-६x४ च । माषा-हिन्दी । लेखन काल- । पूर्ण । विषय-सूची कर्ता का नाम माषा विशेष पीपाजी की पत्रावलि हिन्दी घु चरित सुखदेव विनति पद्मावती कथा ५७०. गुटका नं. ६१-पत्र संख्या-२४ । साइज-५३४४ इन | माषा-हिन्दी। लेखन काल-x। पूर्ण । विशेष-निम्न रचना हैकल्मष कुठार-राममंद्र हिन्दी । मध्यम भान-करनी हो सो कीजियो करनी की कछु दोर। मो कानी जिन देखियो तो करनी की ओर || २१ ॥ मोसी करनी कुटिल जग तो सो तारक ताज । यही मरोसो मोहि तो सरन गहे की लाज !॥ २२ ॥ इति श्रीमत् काम्वनस्थ माधुल सगोत्रोत्पन्न गणेश मट्टामज रामभद्र भट्टन... .. ................ विरचिते कल्मषकुठार प्रथ संपूर्ण ।। ४१. गुटका नं०७०-पत्र संख्या-५ | साइज-५४४ ५ । माषा-हिन्दी । लेखन काल-४ : अपूर्ण । विशेष-सराज नामक मथ हैं। ५७२, गटका नं०७१-पत्र संख्या-५ | साइज-६x४५श्व | भाषा-हिन्दी लेखन काल-सं० ११२ चैत्र वदी १२ । पूर्ण । पद्य संख्या-२५ ।
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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