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________________ गुटके एवं संग्रह ग्रन्थ ] विषय-सूची (५) दशलगम था प्रारम्भ प्रथम नमन जिनवर में करू, सासद गयभर अनुस दश च भत कथा विचार, माधु जिन आगम अनुसार ॥१॥ अन्तिम पाठ मत जे नर नारी कवितेम सागर तरे । सौख्य पान नि, सरथ मन यति ि महारक भी भूषण धीर सकस शास्त्र पूरा गंभीर | जस पद प्रमी बोले सार ब्रह्म ज्ञान सागर खुविचार ॥३४॥ ( ६ ) रत्नत्रय व्रत कथा () अनन्त मत कमा (2) त्रैलोक्य तीज कथा कर्चा का नाम ज्ञानसागर (६) श्रवण द्वादशी कमा (१०) रोहिणी व्रत कथा (११) पहाडका मत था (१२) लब्धि विधान कथा (१३) पुप्पाजलि व्रत कथा (१४) आकाश पंचमी स्था (१५ ला बबन कथा (१६) मौन एकादशी भूत कथा (१७) कूट कमी कथा (१८) अतस्कंध कथा (१४) कोकिला पंचमी कथा (२०) चंदन पेटी त कला (२१) निशल्यामी कथा (२२) सुगंध दशमी व्रत कथा (२३) जिन रात्रि व्रत कथा (२४) पश्य विधान कथा ० ज्ञानसार 37 ײ 39 "" 39 "} CR " " 19 3: 37 AAR 2 27 33 22 " भाषा हिन्दी हिन्दी 27 77 33 31 32 33 ,3 " 33 " " " 23 33 77 "3 " 73 [ २६५ विशेष पथ सं० ५५ सं० २०२६ रविवार को सूरत में ब्रह्म कनकलागर ने प्रतिलिपि की थी। ││
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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