________________
चरित्र एवं काव्य ]
२७३. मेघदृत-कालिदास । पत्र संख्या- । -१०४. हरू । भाषा-संस्कन । वियर-- व्य । रचना काल-X 1 लेखन कान-४ । पर्ण । वैन्टन f० ४१३ ।
विशेष-प्रति संस्कृत टीका सहित है । टीकाकार सरस्वतीती हैं। काशी में टीका लिखी गई थी। पत्र १३ 4 मल सहित (श्लोक ५५ ) टीका है शेष पत्रों में मूल श्लोकी के लिए स्मान खाली हैं।
२७४. यशोधरचरित्र - वादिराजपूरि । पत्र संख्या-१७ | साइज-१:४६ ६ । भाषा संस्कृत । 'वषय-चरित्र । रचना काल--X | लेखन काल-सं० १५००येप्ट बुद्दी ! पूर्ण । वेष्टन नं. २५, |
२४५. यशोधरचरित्र-सकल कीति । पत्र संरूपा-५, । साइज- 12xx, अ | भाषा-संस्कृत । त्रिप-चरित्र । रचना कास-X । लेखन कास- 1 पूर्ण । वेष्टम में० २७१ ।
विशेष - पाठ सर्ग हैं। प्रति प्राचीन है 1 पत्र पानी में भगे हुए हैं। एक प्रति और हैं।
२७६. यशोधरचरित्र-ज्ञानकीर्ति । पत्र संख्या- I साज-१.x इज| मारा-संस्कृत । विषय-चरित्र । रचना काल-सं० १६५६ माघ सुदी ५ । लेवन काल-सं० १६६१ जेष्ठ सदी । । पूर्ण । वेष्टन नं. २७५
विशेष-- सर्ग हैं । राजमहल नगर के श्री पाश्नानाथ चैत्यालय में महाराजाधिराज श्री मानसिंह के राज्य शान में उनके प्रधान अमात्य श्री भानू गीधा ने प्रतिलिपि कगई थी ।
२०७. यशोधरचरित्र-यासबसेन । पत्र संख्या-६३ | खाज-2014। भाषा-संस्कृन । विषय-चरिय । रचना काल •X । लेखन काख-सं. १६१४ चैत्र सुदी १ । पूर्ण । वैप्टन २० २७४ ।
प्रशस्ति--संवत् १६१४ वर्षे त्र मुदि ५ शुक्रबार तक्षमहादुर्गे महाराजाधिराजरानीकल्याणाःयमामाने श्रीमलसंघ नधाम्नाये बलात्कारगणे सरस्वतीथे श्री कुन्दाचार्यान्वये भट्टारक श्री पद्मनंदिदेवा ताप ० श्रीशुभचंद्रदेना ताप भ० श्रीजिनचंद्रदेवा तत्प४ साप्रभार देन। ता शिव्यमंडलाचार्यश्री'धर्मचंद्रदेवा तत् शिष्यमंडलाचार्यश्री लखित कातिदेवासदाम्नाये खंडेलशलान्वये अजमेरा ने सा दामा तदा चादी नरपुत्रौ द्वौ । प्रा सायो जिनपूजापुरंदर चतुदीन त्रितरण कर रह शोलगंगेत्र मा बोहिम, द्वि० सा वाता | सा. मोहेय नद्या बालरंदे । नत्री द्रौ । प्र० सा. सुरदाय द्विर सा. साधु । सा, सुरताग्य मावा ? ............. "।
च | भाषः
२८. यशोधर चरित्र-पद्मनाभ कायस्थ । पत्र संख्या-८६ माज-११४ संस्कृत | विषय-चरित्र । रचना काल-x | संखन कान-X । अपूर्ण । वेष्टन न २७२ ।
विशेष - सर्ग तक है, प्रति प्राचीन है ।
२७ यशोधर चरित्र--सोमकीर्ति । पत्र संख्या-५१ । साइज–१०:४५ ईछ । भाषा-संस्कत ! विषय-चरित्र । रचना कल-सं. १५३६ पौष बुधी ५ । लेखन काल-x | पूर्ण । टन मं० २.।।