SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 219
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १६० ] [ धर्म एवं प्राचार शास्त्र श्लोक संख्या २०० है । ६५. सम्मेदशिखरमहास्य-दीक्षित देवदत्त । पत्र संख्या-७८ | साज-११x१३ च । भाकासंस्कृत | विषय-धर्म । रचना काल-स. १८४५ । लेनन काल-२०१८४८ | पूर्ण । वेतन ०.३६ । विशेष-जयपुर में प्रतिलिपि हुई थी। ६६. सागारधर्मामृत-4 पाशाधर । पत्र संख्या-१८१५ साज-११४१३ । मात्रा-संत | विषय-प्राचार शास्त्र । रचना काल-सं० १२६६ । लेखन काल-सं० १७८७ । पूर्ण । वेष्टन ने० ३०७ । विशेष- एक प्रति और है। ६७. सामायिक टीका--पत्र संख्या-३६ । साहज-१२४५ इ 1 माला-संस्कृत प्राकृत | विषय-धर्म । रजना काल-x ! लेखन हाल-X । पूर्ण । वेष्टन नं० ३२१ । विशेष--प्रति संस्कृत टीका सहित है । १६. सामायिक पाठ-पत्र संख्या-१२ । साइज-१०४४६ इंच । माषा-संस्कृत 1 विषय-धर्म । रचना काल-X । लेखन काल-XI पूर्ण । वेष्टन नं० ४३ / ६. सामायिक पाठ भाषा-जयचन्द छात्रसा। पत्र संख्या-५३ । साइज-११४४३ च । माता-हिन्दी गद्य । विषय-धर्म । रचना काल-X । लेखन काल-२० १९.१ चैत्र सुदी १३ । पूर्ण । वेष्टन नं. १२ । विशेष-३ प्रति और है। १००. सुदृष्टितरंगिणि-टेकचन्द । पत्र संख्या-४४७१ साज-११ x 1 माश-हिन्दी। विषय-धर्म । रचना काल-२० १८३८ सावन मुदी ११ । लेखन काल-२० १६१२ माघ दी । पूर्ण | बेटन ४८६ | विशेष---४२ सधियां हैं। चंद्रलाल बज ने प्रतिलिपि की थी। १०१ सूतक वर्णन-पत्र संख्या-२ | साइज-8X४ इंच । भाषा-संस्कृत । वित्रय-अ चार 1 रचना काल-X । लेखन काल-xपूर्ण । वेष्टन नं०४४७ । १०२. हितोपदेशएकोत्तरी-श्री रवहर्ष । पत्र संख्या-३ । साइन-१०x४ ३२ । भाषा-हिन्दी । विषय-धर्म । रचना काल-x 1 लेखन काल-X । पूर्ण । बेधन न० १५२ । विशेष-किशनविजय ने विक्रमपुर में प्रतिलिपि की थी । श्लोक संख्या है।
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy