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विषय-अध्यात्म एवं योग शास्त्र
१०३. अष्टपाहुड भाषा-जयचंद छाबड़ा । पत्र संख्या-1७८ । प्लाइज-१३६x६३ सत्र | भाषाहिन्दी गद्य ! विषय--अध्यात्म । रचना काल-X 1 लेखन काल-सं० १६५० फागुन बुदौ २ । पूर्ण । वेष्टन नं. ६ ।
१०४. आत्मानुशासन-गुणभद्राचार्य । पत्र संख्या-३० । साइज-११४४३५ । माषा-संस्कृत । विषय-अध्याम । रचना काल-४ । लेखन काल-सं. १५६४ माघ सुदी ५ । पूर्ण । वेष्टन नं० २८६ ।
विशेष--बसवा नगा में श्री नंद्रप्रभ चैत्यालय में भी तेमकर के शिष्य विलोकचंद ने प्रतिलिपि की पौ। एक प्रति और है।
१०५. आत्मानुशासन टीका-प्रभाचन्द्र । पत्र संस्था-६५ । साइन-exe हम्द । माषा-संस्कृत । विषय --अध्यात्म । रचना काल-X । लखन काल-सं० ११ भाषार मुरी ६ । पूर्ण । वेष्टन न. २८ ।
१०६. आत्मानुशासन भाषा टीका-पं० टोडरमल । पत्र संख्या-१०५ | साइज-१२४५३ च । मावा-हिन्दी । वित्रय-अध्यात्म | रचना काल-सं० १७६६ भादचा सुदी २ । लेखन काल-x। पूर्ण । अष्टन नं. ५१ ।
___ विशेष-राजा की मंडी (प्रागस ) के मंदिर में महात्मा संभूराम ने प्रतिलिपि की भी । एक प्रति और है।
१०७. आराधनासार-देवसेन । पत्र संख्या-१३ । साहज-१०४५ हस। माषा-प्राकृत | विषयअध्यात्म । रचना काल-X । लेखन काल-X I पूर्ण । वेष्टन नं. १५२ ।
विशेष-एक प्रति और है वह संस्कृत टोफा सहित है।
१०८, पाराधनासार भाषा-पन्नाजाल चौधरी। पत्र संख्या-1 | साइज-१२६४८ | भाषा-हिन्दी गद्य | विषय-अध्यात्म | रत्नना काल-x | लेखन काल-X । पूर्ण । वेटन नं. ८२ ।
१८६. कार्तिकेयानुप्रेक्षा-स्वामीकार्तिकेय | पत्र संख्या-७E | साइम-११४५३ दम्प | मावाप्राकृत । विषय-अध्यात्म । रचना काल-~। लेखन काल-। पूर्ण । वेष्टन मं० १.
विशेष-प्रथम " पर तक संस्कृत में संकेत दिया हुआ है।
११०. कार्तिकेयानुप्रेक्षा भाषा-पं० जयचंद दायरा । पत्र संस्था-१४७ | साम-११ च । माषा-हिन्दी मप । विषय-अध्यात्म 1 रचना काल-सं० १९६३ साजन मुदी ३ । लेखन काल-सं० १९१४ मात्र पुदी ११। पूर्ण । वेष्टन न. ७१।
विरोव-२ प्रतियां और है।