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सिद्धान्त एवं चर्चा ]
अध्याय
२४
को कम्बली बोखती होय
इति
हिंसाद
[ १७६
हिसानंद
जी भात
मानहिंखानन्द हो द्र ध्यान प्रथम पद नरक करण
दिसानुस्ते रौद्र ध्वानं कथयति हृदयचा प्रकार होय जान
बीचमै २ मे ७१ भी नहीं है।
१८. तत्वार्थसार अमृतचंद्र सरि विश्व-सिद्धान्त । रचना काल- लेख काल-X
इति तत्वार्थ सनप्रमाकर अन्धे सर्वाधिदेव विरचिते महाल
सूत्र विचारकरणं ।
पूर्ण | वेष्टन ० १३३ ।
प्रति प्राचीन है।
१६. तत्यार्थसूत्र - उमास्थति पत्र संख्या १४
लेखन काल-Xन नं १४४ ।
पत्र -२५ मा १२४२ । भाषा संस्कृत |
1
५१४ ।
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सिद्धान्त रचनाकाल
विशेष
संस्कृत टीका सहित है।
२०. प्रति नं० २पन संख्या १० बाइ १३ | देखना-०१०६६
साइज - ११५५६ मात्रा-संस्कृत विषय
विशेष सूत्रों पर हिन्दी में धर्म दिया हुआ है। चार मतियां और है किंतु मात्र हैं। वे मूल
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साज - १३४०३
साथ-संस्कृत
२१. तत्वार्थसूत्र टीका (ब्बा ) | पत्र संख्या - २१ हिन्दी । चाय-सिद्धान्त रचना काल -x | लेखन काल - ० १११२ श्रासोज खुदी १४ । पूर्ण वेष्टन नं० ७० ।
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विशेष-लाला रतनलाल ने कस्बा शमसाबाद में प्रतिलिपि की 1
२०. प्रति नं० २४६२१४० | लेखन फाल- पूष्टन नं० ३१
प्रति संस्कृत टीका सहित हैं ।
२३. सत्यार्थसूत्र भाषा टीकाकनककोर्त्ति पत्र संख्या १०२ हिन्दी गद्य रचना काल -X | लेखन काल-सं० २०४४ कार्तिक खुदी ६ । पूर्ण । नेष्टन नं ४१ |
विशेष – कनककीर्ति ने जोशी जगन्नाथ से लिपि कराई ।
उमर स्वाति रचित तत्त्वार्थ सूत्र पर श्रुतसागरी टीका की हिन्दी व्याख्या है। एक प्रति और हैं।
सिद्धान्त रचना का XX पूर्ण नेटनं २४३ ।
- १५५४ म भाषा
२४ विभंगीसार नेमिचन्द्राचार्य पत्र संख्या-२६-११ विषय