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विशेषकर के दुर्ग में लेखक इगर ने प्रतिलिपि की । अंत में वही लिया है:
८७१. पल्य विवान पूजा-रत्न नंदि । पत्र संख्या - १ विषय-पूजा । रचना काल -X | लेखन काल -X | पूर्णा । वेष्टन नं० १२११ ।
संतोष हैं।
८७३.
काल -X | लेखन काल -X
श्रीमत्कीर्ति ने पुस्तक मि ॥ बहुपुरे ॥
८०२ पाठ संग्रह पत्र संख्या ६१ साइज - १२०५ इंच भाषा-संस्क-प्रास विषय-संग्रह | लेखन काल -X | पूर्ण । नेष्टन नं० १०६७ ।
विशेष आशावर निरतिष्ठा पाठ के पाठों का संग्रह है।
[ स्फुट एवं अवशिष्ट साहित्य
साइज - १०३४६ | भाषा-संस्कृत |
पाठ संग्रह पत्र संख्या २०-१२४८ इन्च भाषा - हिन्दी विषय-संग्रह रचना नं
विशेष-१२ मत र तिल्या मन्दिर और
बाल-1 पूर्व बेहन
1
८७४. पाठ संग्रह - भगवतीदास पत्र संख्या २१० इन्च भाषा-हिन्दीसंग्रह सेना X पूर्ण वेष्टनं० ६६७। I
विशेष -- निम्न पाठों का संग्रह है-
भूटाष्टक वन
सम्यक्त्व पच्चीसी
वैराग्य पच्चीसी-
२० का ० ० १७५० ।
८७५ पाठ संग्रह - पत्र संख्या - २५ | साइन- १२८ १ | माषा-संस्कृत विषय संग्रह | रचना फाल - X। लेखन काल-X पूर्ण वेष्टन नं० ४०४ |
विशेष- मक्लामर स्तोष, सहस्र नाम तथा सत्यार्थ सूप का संग्रह है।
०६. पाठ संग्रह पत्र संख्या - १०
साहब-४ ६४ माया-हिन्दी विषय-संग्रह | लेखन
विशेष - सास बहू का झगडा आदि पाठों का संग्रह है ।
3. बनारसी विलास - बनारसीदास पत्र संख्या-७ से ८
हिन्दी (पद्य) विषयसंग्रह रचना काल- संग्रह का १७०१ लेखन का० १००८ कु येशन नं० ०३६ ।
साहब माषा