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स्फुट पयं अवशिष्ठ साहित्य]
अप पडा खरीद का दस्ता ---
जिते रुपैया मोल को गन प्रत जी पर लेइ । गिरह एक श्राना तिते लेख लिखारी देह ।। १.॥ अाना ऊपर हीय मज प्रति पिया अंक ।
तीन दाम 48 अप्सु कसम Ka संखी निरंक ।। २१ ॥ इसमें कुल १५२ तक पध हैं । प्रति अपूर्ण है ।
८६५ नख शिख वर्णन - पत्र संख्या-६ से १६ साज-Ex६ च । मा!-दिदी । विषय-गार ए । (जना काल-X । लेखनकाल-६० १८० । अपूर्ण । बेष्टन नं० १.१३ |
विशेष-बनतरान साह ने लिखी पी।
८६६. नित्य पूजा पाठ संग्रह । पत्र संख्या-१० । साइज-११४६ । मात्रा-हिन्दी । [मय पूजा । रचना काल -x | लेखन काल-x। अपूर्णा । वेष्टन नं ० ३.५ ।
६७. पत्रिका-पत्र संख्या- सहज-X| साषा-संस्कृत-हिन्दी । विषय-प्रतिष्ठा का वर्णन । रचना लसनकाल-x | पूर्ण । वेटन नं. १२६१
काल-x
विशेष-सं० १९२१ में जयपुर में होने वाले पंच प्याक प्रतिष्ठा महोत्सव की निमंत्रण पत्रिका है ।
६८. पद संग्रह - जौहरीलाल | पत्र संख्या-२४ । साहज-१.१३ ! भाषा-हिन्दी पर । विषय-पद । रचना काल-x | लेखन काल-X । पूर्ण । वेष्टन, १२१२ ।
विशेष-२ पो का सग्रह हैं ।
८६६. पन्नाशाहजादा की बात-पत्र संख्या-२० । साइज-६३४८३ इन्च । माषा-हिन्दी गय । रचना काल-x | लेखन कारम--सं० १६० ग्रासोज सुदी ३ । पूर्यः । वेष्टन ०५५।
विशेष-प्राविका कुशला ने बाई केशर के पठनार्य प्रतिलिपि की। २० से धागे के पत्र पानी में मांगे हुए हैं । इनके अतिरिक्त मुख्य पाठ ये है
हरीसिंह सुमति कमति का गीत विनोदीलाल
२०७१ जागीरासा
जिपदास
८००, परमात्म प्रकाश-योगीन्द्र देव । पत्र संस्था-५ से १४ । साइन-११३४५ इन्च । भाषाश | विषय-अण्णात्म रचना काल-x। खेखन काल-सं० १५६ चैत्र बुदी १० । अपूर्ण । नेष्टन नं. ११६६ ।
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