SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 175
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ संमह] ८०१. गुटका नं० ११२ । पत्र संख्या-- । साज-७४६ । साषा-संस्कृत-हिन्दी लेखन काश-x; पूर्ण। वेष्टन नं. १५२६ । विशेष-दर्शन तथा पार्श्वनाम स्तोत्र श्रादि हैं। ८०२, गुटका नं०११३ । पत्र संख्या-४ । साइज-१४ । भाषा-हिन्दी । लेखन काल-X । पूर्ण । पेष्टम नं. ११४०। विशेष ---सिद्धाष्टक, १२ अनुप्रेथा-बालूराम फत, देवाष्टक, पद-डालूराम, गुरू अष्टक श्रादि हैं । ८०३. गुटका ने०११४ । पत्र संख्या-10 | साइज-xx४ । माषा-संस्कृत । लेखन काल- पूर्ण। बेधन. १९४८। विशेष-दर्शन शास्त्र पर संग्रह है। ८०४. गुटका नं.११५ । पत्र संख्या-५ । साइज-५४४३ भाषा-हिन्दी । लेखन काल-४ । पूर्ण । बेष्टन नं. ११४ । विशेष-बीस तीर्थकर नाम व निर्वाण काल है। ८०५, गुटका नं०११६। पत्र संख्या-२०८ | साइज-६x४ | भाषा-हिन्दी । लेखन काल-xपूर्ण बेष्टन नं. ११५५ । भाषा हिन्दी कर्ता का नाम अमरमणिक सहजकीर्ति समयमन्दर सहजकीर्ति विषय-सूची चैत्री विधि पाच मजन पंचमी स्तवन पोसा पडिकम्मा उठावना विश्चि इतबीस जिनगणावर वर्णन वीस तीर्थकर स्तुति नन्दीश्वर जयमाल पार्श्व जिन स्मान वर्णन सीमधर स्तवन नेमिराजमति गौत चौवीस तीपंकर स्तुति सिद्धचक्र स्तवन सहजक ति जिनहर्ण जिनपूर्ण
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy