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________________ * आमेर भंडार के ग्रन्थ * उड़ाम सहस्रतन्त्र । रचयिता अज्ञात । पत्र संख्या ३३. साइज ८४|| इञ्च । भाषा संस्कृत । लिपि संवत् १८८२. . उगादि सूत्रवृत्ति । टीकाकार श्री उज्वलदत्त । भाषा संस्कृत पत्र संख्या ५. साइज -४५। इञ्च । लिपि संघत् १८३०, मगलाचरण .... , ..... ... ... .. .. . . ...... हेरवमीश्वरं वाचं नमस्कृत्य पर गुरोः । .:. . . श्रीमदुज्वलदत्तन क्रियते वृत्तिरुत्त ना ।। २ 11. ४... ... .. . :-- उसरपुगण । रचयिता महाकवि पुष्पदन्त । भाषा प्राकृत । पत्र संख्या ४७३. साइज १||४|| इञ्च । प्रत्येक पृथु घर १० पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३८-४४ अक्षर ! प्रन्य अपूर्ण । ४७३. से आगे पृष्ठ नहीं है। उत्तरपुराण ( मटीक)। .. टीकाकार प्रभाचन्द्राचार्य । भाषा अपभ्रश-संस्कृत । पत्र संख्या ५७. साइज १०||४|| इञ्च । प्रत्येक रात्र पर. ११ पेशियां बार प्रति पंक्ति में ३०.४३ अक्षर। टीकाकाल १०८०. लिपि संवत् १५७७) लिपिस्थान नासपर उनर पुराण । रचयिता गुगा भद्राचार्य । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ३७३. साइज १०||४६ इञ्च । प्रति नवीन ::: ::... - - - - - Hथा प्रति नं० पत्र संख्या २७६. साइज ११||४५।। इञ्च । लिपि संवत् १२०५ ज्येष्ट बुदि ५ बृहस्पतीवार । लिपि स्थान जयपुर । लिपि का पति श्री चिमनसागर । श्री घणराजजी जीवणरामजी ने लिपि करवायी। प्रति के दोनों तरफ कठिन शब्दों का सरल अर्थ दे रखा है। प्राचीन शौधित प्रति है। - - -
SR No.090392
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherRamchandra Khinduka
Publication Year
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size5 MB
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