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________________ * थामेर भंडार के प्रन्थ * - - -- - - - - -- प्रति नं० ३. पत्र संख्या १४८. साइज १०|||. प्रत्येक पृष्ठ पर १० पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३६-४० अवर । लिपि संबन् १८५६. प्रन्ध में श्रावकों के पालने योग्य आचार और नियम सम्बन्धी प्रश्नों का उत्तर दिया गया है। उत्तर को कथाओं के द्वारा भी समझाया गया है। प्रति नं० ४. पत्र संख्या =३. साइज १०||४|| रञ्च । प्रति अपूर्ण है। प्रथम पष्ट और ३ से आगे के पृष्ट नहीं है। प्रति न०५. पत्र संख्या २१. साइज १०||४५ इञ्च ! केवल ४ परिन्छे द ही है। प्रति नं० ६. पत्र संख्या १४४. साइज १AIXI. प्रति नं० ७. पत्र संख्या ११. साइज १२४५ इञ्च । प्रति नं० ८. पत्र संख्या ६३. साइज १२४४ इञ्च । लिपि संवत् १८१८. प्रश्नोत्तरीपासकाचार । रचयिता भट्टारक ओ सकलकी ति व भट्टारक पद्मनन्दि। भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ६३. साइज . १० । विषय-पंचागुनत, की पांच कथायें, सयवत्व की = कथायें। सम्यक्त्व की = कथायें भट्टारक पद्मनन्द द्वारा रचित है। प्रथम पृ? नहीं है। प्रति स्पष्ट और सुन्दर है किन्तु अन्त के पन्ने दीमक ने स्वा रखे हैं। प्रज्ञापनोपांगपद संग्रह। ___ मंग्रहकर्ता श्री अभय देवसूरि । भाषा प्राकृत । पत्र संख्या ५. गाथा संख्या १३३. पाकसंग्रह। संग्रहकर्ता श्री पं० दयाराम । भाषा हिन्दी । पत्र संख्या १२. साइज १५||४|| इन्छ । विषय-आयुर्वेद। पाण्डवपुराण । . रचयिता भट्टारक श्री यश-कीर्ति । भाषा अपभ्रंश। पत्र संख्या ४७५. साइज १०४४॥ इञ्च ।। प्रत्येक पष्ठ पर : पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३४-३८ अक्षर । लिपि संवत १६०२. प्रति नं०२. पत्र संख्या ३४७ साइज ११॥x५ इञ्च । लिपि सं..त् १८३१. लिपि स्थान कोटा:: जति नवीन है लेकिन १२३ पृष्ठ तक दीमक ने खा लिया है। लिपि में कवि के समय का पद्य नहीं दिया हुआ है। ... .. . .......... - :::..:..:: ::.:.... पाण्डवपुराण । रचयिता भट्टारक श्री शुभचन्द्र । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या २८०. साइज १|४इञ्ज । प्रत्येक अठ्यानवे .
SR No.090392
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherRamchandra Khinduka
Publication Year
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size5 MB
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