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* आमेर भंडार के पन्थ *
पृष्ठ पर : पक्तियां और प्रति पंक्ति में ४२-४६ अक्षर । रचनाकाल संवत १६०८.
प्रति नं. २. पाठ संख्या ६१. साइज ११४४।। इञ्च । प्रति अपूर्ण है तथा जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। कितने ही पृष्ठ फट गये है तथा कितने ही एक दूसरे से चिपक गये हैं।
प्रति नं० ३. पत्र संख्या ३२६, साइज १२४५।। इञ्च । लिपि संवत् १५२१.
प्रति नं० ४. पत्र संख्या ३४७. साइज ११४५ इञ्च । प्रत्येक पट पर १२ पक्तियां और प्रति पंक्ति में ३६-४४ अक्षर । लिपिसंवत् १६३६ लिपिस्थ न निवाई (जयपुर). ३४७ वां पर फटा हुआ है। लिपि सन्दर एवं स्पष्ट है।
प्रति नं०५. पत्र संख्या ४७१. साइज ११४५ इन्च । लिपि संवत् १६१६. लिपि स्थान आमेर । मंडलाचार्य श्री ललितकीत्ति के शासनकाल में हंडेलवालान्वय श्री तेजा ने दशलक्षणवतोद्यापन के समय में ग्रन्थ की प्रतिलिपि कराई। प्रति लिति स्पष्ट और सुन्दर है।
पार्श्वनाथ चरित्र ।
- रचयिता महावि र कीत्ति । भाषा अपभ्रश। पत्र संख्या १०८, साइज १०x४ इञ्च ! प्रत्येक पट पर ११ पंक्तियां और प्रत्येक पंक्ति में ३५-४५ अक्षरा.लिपि संवत् १४६५. "-.:पार्श्वनाथ चरित्र ।
रचयिता पंडित श्रीघर । भाषा अपनश। पत्र संख्या ६६. साइज Ex४ इञ्च । प्रत्येक पर पंक्तियां और प्रत्येक पंक्ति में ३८-४५ अक्षर । लिपि संवत १५७७ प्राकृतकथा कौमुदी।
__र यता मुनि श्री श्रीचंद | भाया प्राकृत । पत्र संख्या ३१. साइज १०४४। इञ्च । प्रत्येक पच पर ११ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३८-४२ अक्षर । प्रति अपूणे है । प्रथम पृष्ठ तथा ३१ से. आगे के पृष्ठ नहीं है। प्रन्थ के एक भाग को दीमक ने खा लिया है।
प्राकृत छंद कोष ।
भिषा प्राकृत पत्र संख्या साइज १०||५|| इञ्च । गाथा संख्या ७७ . 3
मा
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प्राकृत व्याकरण ।
. रचयिता श्री वरदराज । भाषा प्राकृत । पत्र संख्या २२. साइज १
लि
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निन्यानवे -