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राजस्थान के जन शस्त्र भण्डारों की प्रथ सूषियों का जो कार्य क्षत्र के साहित्य बोध विभाग की बोर से प्रारम्भ किया गया था उसका भी काफी तेजी से कार्य चल रहा है । ग्रंथ सूची के चार भाग पहिले ही प्रकाशित हो चुके हैं और पांचवां भाजिसमें २० हजार हस्तलिखित ग्रंथों का सामान्य परिचय रहेगा शीघ्र ही प्रेस में दिया जाने वाला है। इसके अतिरिक्त और भी साहित्यिक कार्य चल रहे हैं जो जैन साहित्य के प्रचार एवं प्रसार में विशेष उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।
इस पुस्तक पर पूज्य मुनि श्री विद्यानन्दजी महाराज ने अपने पाशीर्वादात्मक सम्मति लिखने की जो महती कृपा की है इसके लिये क्षेत्र कमेटी पसराज की पण आभारी है।
पुस्तक को भूमिका डॉ. सत्येन्द्र जी अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर ने लिखने की कृपा की है जिसके लिये हम उनके पूर्ण प्राभारी हैं । आशा है डॉ. साहब का भविष्य में इसी तरह का योग प्राप्त होता रहेगा।
गवीलाल साह एवोकेट
मंत्री