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________________ १३८ राजस्थान के जैन संत-व्यक्तित्व एवं कृतित्व १६८२ में इन्होंने गिरिनार जाने वाले एक संघ का नेतृत्व किया। इस संघ के संचपति नागजी भाई थे, जिनकी कीति चन्द्र-सूर्य-लोक तक पहुंच चुकी थी। यात्रा के अवसर पर ही कुमुदचन्द्र संघ सहित घोघा नगर पाये, जो उनके गुरु रत्नकीत्ति का जन्म--स्थल था । बारडोली वापस लौटने पर श्रावकों ने अपनी अपार सम्पत्ति का दान दिया । कुमुदचन्द्र माध्यात्मिक एवं धार्मिक सन्त होने के साथ साथ साहित्य के परम आराधक थे । अब तक इनकी छोटी बड़ी २८ रचनाएं एवं ३० से भी अधिक पद प्राप्त हो चुके हैं। ये सनी रचनाएं राजस्थानी भाषा में हैं, जिन पर गुजराती कर प्रभाव है । ऐसा ज्ञात होता है कि ये चिन्तन, मनन एवं धर्मोपदेश के अतिरिक्त अपना सारा समय साहित्य-सृजन में लगाते थे । इनकी रचनाओं में गीत अधिक हैं, जिन्हें वे अपने प्रवचन के समय श्रोताओं के साथ गाते थे । नेमिनाथ के तोरण द्वार पर आकर वैराग्य धारण करने की अदभुत घटना से ये अपने गुरु रत्नशीत्ति के समान बहुत प्रभावित थे, इसीलिए इन्होंने नेमिनाथ एवं राजुल पर कई रचना लिखी हैं । उनमें नेमिनाथ बारहमासी, नमीश्वर गात, नामजिनीत, ग्रा के नाम उल्लेखनिय हैं । राजुल का सौन्दर्य वर्णन करते हुए इन्होंने लिखा है रूपे फूटही मिट जठडी वोले मीठड़ी वाणी। विट्ठम उठडो पल्लव गोठडी रसनी कोटड़ी बखाणी रे ॥ सारंग ययणी मारंग नयणी सारंग मनी श्यामा हरी । लंबी काटि भमरी चंकी शंको हरिनी मार रे ।। कवि ने अधिकांश छोटी रचनाएँ लिखी हैं। उन्हें कांठस्थ भी किया जा सकता है। बड़ी रचनाओं में भादिनाथ विवाहलो, नेमीश्वरलूमची एवं भरत बाहुबलि nuuuuuunananawaren-rreranaauorananerum १. संवत् सोल स्यासीये संघपछर गिरिनारि यात्रा कीया। श्री कुमुदचन्द्र गुरु मामि संघपति तिलक काबा ॥१३॥ गीत धर्मसागर कृत २. इणि परिउछल करता आग्या घोघानगर मनारि । नेमि जिनेश्वर नाम अपंता उता जलनिधिपार ॥ गाजते बाजते साहमा करीने आव्या बारडोली प्राम | याचक जन सन्तोष्या भूतलि राख्यो नाम ।। वेश विवेश बिहार फरे गुरु प्रति बोध प्राणी । धर्म कथा रसने वरसन्ती, मीवी के वाणी रे भाय ।।
SR No.090391
Book TitleRajasthan ke Jain Sant Vyaktitva evam Krititva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherGendilal Shah Jaipur
Publication Year
Total Pages322
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & History
File Size5 MB
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