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বুবলিরুবাই भूत हो जाती है किम्बहुना । यहाँ पर पूरव उदयका अर्थ निर्जरा समझना चाहिए कारण कि उदय रहते हुए मोक्ष नहीं होता या हो सकता यह तात्पर्य है अस्तु । मोक्षको प्राप्ति सवांगी या अनेकांगी होती है, एकांगी नहीं होती जैसा कि अन्य लोग एक-एक कारणसे मोक्ष मानते हैं। अकेले दर्शनसे या ज्ञानसे या चारित्रसे इत्यादि) । तदक्तम्---
सामग्री जनिका कार्यस्य नैकं कारणमिति ।
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