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________________ जो प्रथम भव में मध्यलोक में ही महापद्म राजा हुए तप कर ate कल्प में श्रेष्ठ इन्द्र हुए, वहाँ से चय कर इसी भरत क्षेत्र में नौवें तीर्थकर हुए वे पुष्पदन्त सुविधिनाथ आप सबका रक्षा करें। प्रश्नावली योऽजायत क्षितिभूदत्र महादिपद्यः, पश्चादभूविवि चतुर्दश कल्पनाथः । प्रान्ते वभूव भरते सुविधिनृपेन्द्रः, तीर्थेश्वर: स नवमः कुरुताच्छ्रियं वः ।। ६२ ।। मित्र १४२ ] AMING मगर १. पुष्पदन्त भगवान का दूसरा नाम क्या है ? २. इनकी पहिचान क्या है ? ये कौनसे नम्बर के भगवान हैं ? ३. इनका विवाह हुआ या नहीं ? राज्य कितने दिन किया ? ४. इनके माता- -पिता और जन्म स्थान के नाम बताओ ? ५. इनके कितने और कौन-कौन से कल्याणक हुए ? ६. जन्म नक्षत्र और ज्ञान कल्याणक की तिथि बतायो ? ७. किस दिन मोक्ष गये ? कहाँ से गये ? ८. सम्मेद शिखर कहाँ है ? ग्राप गये या नहीं ? 6. इनके समवशरण में कितने मुनि और आर्यिकाएं थीं ? wwwwwwww
SR No.090380
Book TitlePrathamanuyoga Dipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayamati Mata, Mahendrakumar Shastri
PublisherDigambar Jain Vijaya Granth Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages271
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, H000, & H005
File Size5 MB
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