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________________ ॥ श्री ॥ प्राकृत-व्याकरण के तृतीय पाद में सिद्ध किये गये शब्दों की कोष -सूची (पद्धति परिचय-कोष में प्रथम शब्द प्राकृत भाषा का है, द्वितीय प्रक्षरात्मक लघु-संकेत प्राकृत शभ्य की श्याकरण गत विशेषता का सूचक है, तृतीय कोष्ठान्तर्गत शब्द मूल प्राकृत शब्ध के संस्कृत-रुपान्तर का अवबोधक है और चतुर्थ स्थानीय शी-तात्पर्य बोधक है। इसी प्रकार से प्रथम अंक पाद संस्था को तथा दूसरा अंक सूत्रों को संख्या को प्रदर्शित करते है । यो व्याकरण गत शब्दों का यह शब्द कोष ज्ञातव्य है । [ अ प्र अ ( प ) और पुन, फिर, अवधारण, निश्चय हत्यादि ३-७० । अ अ (अति), अतिशय उत्कर्ष, महत्व पूजा आदि अर्थक; ३-१७७ । अक्खराई न. ( अक्षराणि) अक्षर, वर्ण, ज्ञान, अविनश्वर; } अन्न (अन्यस्मिन् । अन्य में, अन्य पर; ३-५९ अन्तमि (अन्यस्मिन् ) अन्य में; ३-५९ । अन्नत्थ (अन्यस्थिन् अन्य में; ३-५९ । अन्नेसि (अन्येषाम् अन्यों का; ३-६१ । अन्नेमिं (अन्य साम्) अन्य (स्त्रियों का ३-६१ । ३-१३४ । पु. ( अग्नि: आग; ३-२०, १२५ 1 अप्पा पु. ( आत्मा ) वेतन तस्य जीव आत्मा, ३-५६ ॥ अंग मंगम्मि न. ( भङ्ग अंगे ) प्रत्येक अंग में; ३-१ । श्री अ. ( मासिष्ट ) बैठा, ३-१६३ । अच्छेज्ज, छज्जेज्ज, अच्छोश्रइ ( स्थीयते) बैठ जाता है; ३ १६० । ३.१४ ५७ । ३-१४ । ३-१४, ५७ । अन्ज अ. ( अद्य ) आज ३-१०५ । (हे) पं. (हे आत्मन्) हे आत्मा; ३-४९ अपणा (आत्मा) कादमा द्वारा: पण (आत्मना आत्मा द्वारा श्रवणश्रा(आत्मना आत्मा द्वारा (६) श्रज्ज ! (द्दे) अब्जो !पु. (हे मायें !) हे श्रेष्ठ ! | अप्पासो पु. ( आत्मा ) आत्मा, जीव, ३५६ ॥ हे मुनिराज ! ३-३८ । अपारण (आत्मना ) आत्मा द्वारा; ३-५७ । अमू सर्वं (अस) यह अथवा वह ३-८८ 1 अमू स्त्रीस (अस) यह (स्त्री); ३-८७ । नपुं सर्व अदः) यह; ३-८७ । अजिए स्त्री. ( है आयें ! हे साध्वीजी महा. ! ३-४१ अट्ट वि. (अष्टानाम् ) आठों का; १.१२३ अट्टराई (अष्टानाम्) आठों का; ३-१२३ । अट्ठारह वि. (अष्टादशानाम् अठारहों का; ३- १२३ । । अाइ वि. अनाचीर्णम् ) अनाचरित ३-३४ । श्रद्धा. पु. ( अध्वन्) मार्ग, रास्ता: ३-५६ ॥ अद्धाणो पु. (अध्वान्) मार्ग, रास्ता ३५१ । अन्ते वि. (अन्याः) दूसरे ३-५८ । अम्मि ( अमुमन ) इसमें इस पर; ३-५६, ८६ । अमि सर्व अहम् | मैं ३ १०५ । अम्मिस ( माम्) मुझको ३-१०७ । धम्मो . ( आश्चर्य अर्थ ) आश्चर्य -अर्थक अव्यय; ३-४१ ।
SR No.090367
Book TitlePrakrit Vyakaranam Part 2
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorRatanlal Sanghvi
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages678
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size18 MB
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