________________ पृष्ठ-संख्या पंक्ति-संख्या अशुद्धाश बगे कृतः शुक्षांश बणे पवि प्राकृत 484 484 स्वम् दायम भूमो मि 484 486 पायन भूयोऽपि फिर मायिका मह चेत्र चित्र 485 नापिका चिक्ष 491 सच्च सच 5.. 512 अपूर्व अपूर्व क्रिया विषयक AntiEarnaana किपा विषय प्रपत बाकर्षित इनकी इसकी मा