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________________ पृष्ठसंख्या पंक्ति-संख्या शुखांश श्रद्धांश द्विब्य मम्पि आवसणे द्वित्व बम्पिमावसादे ११२ १८८ १९२ (छूट गया) किलित्त भवित हसिध सस्वस संयुक्तम्पा पण्णो व्यस्या बमा भावति प्रहीन सरिबष्णो किलिन भवति अंहासिब सस्वर संयुक्तस्पा वण्णो व्यत्ययहक पंबिमा भवति १९३ २२३ २२३ पशी रूपान्त २३९ २१९ रूपान्तर प्राकृत प्रमाणित पति प्रगणित २५३ २५५ २५८ २६६ मारमान् नाममा स्वर-साहित फलिहा अवयवा यष्ठिः भारवालम् बायो स्वर-रहित ककिहो अवरको पष्टिः देणु २६९ २७३ मरः २९१ प्राकृत नामवाली टीकावाली २९१ मामावली टोकावती रूप शृांगारिक-दंग राज्य-भ्रष्टता पोक्चरिणा दूसरों को २९२ श्रृंगार-युक्त-डंग राज्य-भ्रष्ट हो जाने पोषखरिणी दूसरों को नहीं २९५ ३०२
SR No.090366
Book TitlePrakrit Vyakaranam Part 1
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorRatanlal Sanghvi
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages610
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size17 MB
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