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________________ पडमचरि (xvi) व्यासीवी सन्धि १५६-१७८ 1 लवण और अंकुदाका यौवनमें प्रवेश, राजा पृथुसे उनकी कन्याओं की मँगनी, उसके द्वारा विशेष लक्षण और अंकुशको उसपर चढ़ाई, सीतादेवीका आशीर्वाद, राजा चुकी हार, कन्याओंसे लवण और अंकुशा विवाह, नारद मुनि द्वारा लवण अंकुशको राम और लक्ष्मणके सम्बन्ध बताना, दोनोंका सुनकर भड़क उठना, सीताका दोनों पुत्रोंको समझाना परन्तु दोनों पुत्रोंका विरोध, रामके पास उनका दूत भेजना, चढ़ाई, लक्ष्मणका दूतकी बात सुनकर भड़क उठना, दोनों की सेनाओं में भिड़न्त युद्धका वर्णन, लक्ष्मणका चक्रसे प्रहार करना, चक्रका व्यर्थ जाना, परिचय, मिलन, युद्धकी आनन्द में परिसमासि । तेरासीर्वी सन्धि १७९-२०३ लवण और अंकुशका अयोध्या में प्रवेश, उन्हें देखकर स्त्रियोंकी प्रतिक्रिया, जनता द्वारा अभिनन्दन, राम सीता के विषय में अपने विचार, सीता के लिए रामका जाना, सीताका आना, अग्नि परीक्षाका प्रस्ताव स्वयं सीता देवी द्वारा रखा जाना, अग्निज्वालाका वर्णन, उसकी विश्वव्यापी प्रतिक्रिया, कमलपर सिंहासनके बीच सीतादेवीका प्रकट होना, सबके द्वारा सीता देवीको साधुवाद, सीता द्वारा दीक्षा, रामका मूर्च्छित होना, सबका उद्यानमें महामुनिके दर्शनके लिए जाना, राम द्वारा धर्मस्वरूप पूछा जाना, मुनि द्वारा धर्मका उपदेश ! चौरासीवी सन्धि २०४-२३४ विभीषण द्वारा पूछे जानेपर मुनिवर द्वारा रामके पूर्व जन्मोंका वर्णन, लक्ष्मणके पूर्व जन्मका पर्णन, नयदत्त के जन्मसे लेकर इस
SR No.090357
Book TitlePaumchariu Part 5
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages363
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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