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________________ पउमचरित दुरियाणण-दुस्सर बुचिसहा । ससि-सूर-मऊर-कुरूर-गहा ॥४॥ सुभसारण सुन्द-णिसुन्द-गया । करि-कुम्भ-णिसुम्भ-पियम्भ-मया ||५|| सिव-सम्भु-सयम्मु-णिसुम्ब-बिह। पिहु आसग-पिअर-पिन वि हू ॥६॥ कलुभान-कराल-तमाल-तमा । जमघण्ट-सिही जमदण्ड-समा ॥७॥ जमणाय-समुग्गणिणाय-लुली । हल-हाल-लालह-हेल-इली ॥८ मया - समिपाकरवी । लण-पण्णय-पय-सक-हवी ॥९॥ (तोट्टको शाम छन्दो) घता सोहणियम्ब-पलम्ब-भुवग्गल चौर गहीर-णिणाय महवल । एवमाइ सण्णाहें वि विणिग्गय पत्राणण-रह पञ्चाणण-धय IFFolt [ ] धुन्धुद्धाम-धूम-धूमल-धूमदेया । डिण्डिम-उमर-डिण्डिरह-चण्डि-चण्डवेया ||१॥ (इलादुवई) विस्थ-उित्थ-सम्बरा । जमक्ख-डाहस्बरा ॥२॥ सिहण्डि पिण्डि-पण्डवा । वितण्डि-सुण्डमण्डवा || पचण्ड-कुण्ठमण्डला ! कवोल-कपण-कुण्डला ॥४॥ भयाल-मोल-भुम्मला ।। विसालाखु-कोहला ।।। कियन्स-ढा-दण्डरा । कालचूल-सहा ।।६।। चकोर-चारूपारणा। सिलिन्धनान्धवारणा ।। पियक-णिक-सीहया । णिरीह- विजुजीया ॥८॥ सुमालि-मनु-भोसणा । दुरन्त-युदरीसणा ||५|| (णाराउ गाउ अन्दो) छत्ता पज्जोपर-वियोपर-घहत असणिणिकोस-डूल-झालावक । इस णवहसण्णव समुषणय वाय-महारह बन्ध-महाभय ॥१०॥
SR No.090356
Book TitlePaumchariu Part 4
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages349
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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