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________________ वेसठवीं सन्धि ९७११३ सूर्योदय होते ही दोनों सेनाओंको तयारी। रावणकी सेना द्वारा प्रस्थान, सेनाओं में टक्कर, प्रमुख योद्धाओंम द्वन्द्वयुद्ध, आकाशसे देवताओं द्वारा युद्ध का अवलोकन, समके प्रमुख योशाओंकी हार, संध्या समय युद्धको परिसमाप्ति, रामका चिन्तातुर होना, सैनिक-सामन्तों द्वारा ढाढस देना। चौसठी सन्धि ११३-१३३ सवेरै दोनों सेनाओंमें भिडन्त, शर सन्धानको व्याकरणसे पलेपये तुलना, रामरूपी सिंहका वसोवरपर हमला, तुभुलयुद्ध, दूसरे प्रमुम्न योद्धाओंमें इन्द्रयुद्ध, सुग्रीव और हनुमानका युद्ध में प्रवेश, हनुमानको गहरी और तूफ़ानी भिड़न्त । मालि द्वारा उसका सामना, तुमुल ग्रुद्ध, हनुमानका घिर जाना। पैसठवीं सन्धि १३३-१४७ हनुमानके उत्साह और तेजका वर्णन, उसके द्वारा व्यापक मारकाट, हनुमानकी मुक्ति । रामके सामन्तोंका कुम्भकर्णपर घेरा डालना, कुम्भकर्ण द्वारा मायावी अस्त्रों द्वारा उसका सामना, इन्द्रजीतका पुसमें प्रवेश, सुग्रीवका पकड़ा जाना । मेघवाहन और भामण्डलमें भिडन्त, भामण्डलका घिर जाना, राम द्वारा गारुडी विद्याका स्मरण । विद्याका साजडामामफे साथ आना । नागपाशका छिर-भिन्न होना, भामण्डल और सुग्रीवको अपनो सेनामें वापसी। जय-जय शब्दसे उनका स्वागत
SR No.090356
Book TitlePaumchariu Part 4
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages349
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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