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________________ २५ पजमचारिज पत्ता तेह' काल मणोहरें पय-णन्दीसरें लक्क पुरन्दर-पुरि व थिय । रणयरहि गुरु-असिएँ (?) अविचल-मत्तिएँ जिशहरें जिणहर पुश किय ।९। [३] घरे घरे महिमा णोसारियउ। घर घर पदिमड अहिसारियउ ||३|| घर घर तुरई अफालियई। सीह-उलर ओरालिय. ॥२॥ घरै घर रवि-किरण-णिवारण। दिमय बिताण तोरण, ॥३|| घर पर मालउ गन्धुकबउ । घर घर शिवटिय चन्दण-छाड़।।" घरै वरें मोतिय-रावलिङ। घरै घरें दवशुलउ णव-फलिउ ।।५।। घरै घरें भहिणव-पुप्फञ्चणिय । घरै घर पर कोडावणिय ।।६।। घर घर मिहुण. परिश्रोसियई। बरें घरें मह-दाण धोसियर ।।७।। घरें घर मोयण-सामग्गि किय। घरें घरै सिरि-देवय णाई थिय ॥४॥ घत्ता करें वि महोच्छउ पट्टणे दणु-दलबद्दणे सप्परिवारु णिराउहउ । अट्टावय-कम्पावणु सरहसु रावणु गउ सन्तिहरहों सम्मुहर ।।९। कुमुमाउह-आउह-सम-णयणे। णीसरियएँ सरियर दहक्यणें ॥३॥ मणहरणाहरणालङ्करिए। स-पसाहण-साहण-पस्यिरिएं ॥२॥ दप्पहरण-पहरण-बजियएँ। राउल राउल गजियएँ ।।३।। जय-मङ्गले माले पोसियएँ। रमणियर-णियर परिओसिष' ।। जणु गिग्गड जिग्गउ णित्तरउ । महिरक्खही सलही थिउ पुरउ ।।५।। पप्प-रहिथ पर-हिय के विगा। उववासिय वासिय धम्म-पर ।।६।।
SR No.090356
Book TitlePaumchariu Part 4
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages349
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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