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________________ विषय-सूची संतावनी सन्धि रामकी सेनाको हंसीपमें देखकर, निशाचर सेनामें खलबली । विभीषणका अपने भाई रावणको समझाना एवं रावण द्वारा विभोषगका अपमान । इन्द्रजीत द्वारा रावणका समर्थन, और सन्धि का प्रस्ताव, विभीषण और रावणमें भिड़न्त, मन्त्रिवृद्धों द्वारा बीच-बचाव, विभीषणका रावणपक्षसे कूच, रामके अनुषरों द्वारा निशाचरोंके आकस्मिक माझमणको निन्दा । विभीषणके दूतका रामसे मिलना, दूतके प्रस्तावकी रामको फूटनीतिज्ञ परिषदमें प्रतिक्रिया, विभीषणको रामसे मेंट और सन्धि । अट्ठावनवीं सन्धि १७-३५ राम द्वारा दूत भेजनेका प्रस्ताव, दूतके गुणों दोषोंकी पर्चा, प्रस्तुत विभिन्न नामोंमें-से अंगदका दूत पदपर चुना जाना,प्रमुख पात्रों द्वारा रावणके लिए सन्देश ( राम, लक्ष्मण, भामण्डल, हनुमान, सुग्रीव आदि) । अंगदका रावणके दरवारमें प्रवेश, और सीता वापिष कर देनेको शर्तपर, सन्षिका प्रस्ताव, रावण द्वारा दूतका उपहास, इन्द्रजीतका उत्तेजनात्मक प्रस्ताव, दूतका आक्रोश और वापसी। राम और लक्ष्मणका कुछ होमा।
SR No.090356
Book TitlePaumchariu Part 4
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages349
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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