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पडमचरित
[१ ] आवणे वि त वृक्षण ना ! म मरर पदोहित गुपक्ष-श्रा ॥ 'धिति लमिलाइ सुपुरिसाई। पर एय है कम्म कुपुरिसाहुँ ॥२॥ साही जीउ देहन्थु जाव। किह गम्मइ भगणहाँ पासु ताव ॥३॥ जाण जीवे मरिएवउँ ज । तो बरि पहरिज वर-वइरि-पुम्जे ॥१॥ जलभह साकार लोएँ अजरामर को विमा -कोएँ ॥५॥ जिम मिडिउ अ अरि-घर-समुहें। जिम जणिय मणोरह सयण-विन्द ॥६॥ जिन असि-सब्धल-कोनहि मिण्णु ! जिम जस-पहउ तइलोके दिण्णु ॥७॥ जिम तीसाविउ सुर-णिहाउ। जिम महु मि अन्जु खय-कालु भाउ॥८॥
भत्ता
निम सत्तु-सिलायले पहु-मोणिय-जले भुउ परिहव-पहु अपणउ । जिम स-धउ स-साहा स-मडु सम्पहरणु गड णिय-पुस्तहाँ पाहुणउ ॥९॥
[1 ] नं णिसुण घि णिय-कुल-भूसणेश । लहु लेछु विसजिउ दूसणेण ॥१॥ सणधु बरु वि वहु-समर-सूरु । सप्फाले वि व मंगाम-तूरु ॥२॥ बिहइफड मत माद्ध, * त्रि। सम्माण-दाणु रिणु संभरेवि ॥३॥ कण वि करण करबालु गहिङ । कण वि धणुहरु तोगीर-सहिड ॥४॥ केण विमुमण्दि मोग्गरु पचाख । केश वि हुलि केण वि घिसदण्टु ।। ५.१६ गाणाबिह-पहरण-पहिय-शस्थ । सपणद्ध सुहट रण-भर-समत्थ ॥६॥ जसरिउ सेग्गु परिहर वि सङ्क। ण वमेवि लग्म पायाल-लङ्क ॥६॥ रह-तुस्य-गइन्न गरिन्ध-विन्द । णं सु-कइ-मुहहों णिग्गन्ति सा ॥८॥
घत्ता
घर-ल- गु इरिस-पसाहणु अमरिस-अ-दर घाइड | गयानक लीयज' गाना वीयउ जोइस-चक्कु परायः ॥५॥