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________________ अनुक्रम पहली सन्धि ४-२४ ऋषभ जिनकी वन्दना, मुनिजनकी वन्दना, आचार्य-वन्दना, चौबीस तीर्थंकरोंकी बन्दना, रामकथा-नदी का रूपक, कपाकी परम्परा, कविका संकल्प और आत्मलघुता, सज्जन-दुर्जन वर्णन, मगध देशका वर्णन, राजा श्रेणिकका वर्णन, विपुलाचलपर महावीरके समवशरणका आगमन, राजा श्रेणिकका सदलबल समवशरण के लिए प्रस्थान, अंगिक द्वारा महावीरको बन्दना, रामकथा के सम्बन्धमें श्रेणिकका प्रश्न, मौतम द्वारा तीन लोक और कुलघरोंका वर्णन, देवांगनाओंका मझदेवीकी सेवा के लिए आगमन, सोलह सपनों का उल्लेख, ऋषभ जिनका जन्म । दूसरी सन्धि २६-४४ इन्द्र द्वारा नवजात जिनके अभिषेकके लिए प्रस्थान, कालाओंके प्रदर्शन के साथ जिनका अभिषेक, इन्द्रका भगवान्को अलंकार पहनाना, इन्द्र द्वारा जिनकी स्तुति, जिनका लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा, कर्मभूमिका आरम्भ, ऋषभको गृहस्थी में मग्न देखकर इन्द्रकी घिन्ता, नीलांजनाका अभिनय और मृत्यु, जिनका विरक्त होना, लौकान्तिक देवोंका आना और जिनकी दीक्षा, जिनकी तपस्याका वर्णन, दूसरे साधनोंका पतन और साकासबाणी, कच्छ-महाफच्छका जिनके पास आना, धरणेन्द्रका
SR No.090353
Book TitlePaumchariu Part 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages371
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size5 MB
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