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________________ "उन्हें आपको सलाह जेंची नहीं। सन्निधान की ओर इशारा कर दिया।". "रिश्ते-नाते में, निर्णय करने में संकोच होता है, इसलिए वे खिसक गये। इस पद के त्याग करने में मुझे कोई परेशानी नहीं । खुशी से मैं खुद अपनी इच्छा से त्याग कर रहा हूं, यह न्यायसंगत भी है।" आपने कहा और हमने स्वीकार कर लिया-इसका तो यही अर्थ होगा कि हमने आपको अपराधी मान लिया। जब तक हमें ऐसा नहीं लगेगा कि आप अपराधी हैं तब तक आपकी इस मांग को सुरक्षित रखे रहना होगा। आप अब विदा ले सकते हैं।'' बल्लाल ने कहा। यह वार्तालाप भी बिट्टिदेव के समक्ष ही हुआ था। इस सम्भाषण ने बिट्टिदेव को कुछ विशिष्ट बातों पर बातचीत करने के लिए सहूलियत पैंटा कर दी, कहा जा सकता है। क्योंकि मरियाने के विषय में बल्लाल की राम भी मालूम हो गयी थी। __"क्या अब ऐसा मान सकता हूँ कि सन्निधान के मन में सारी बात स्पष्ट हो गयी है?'' विट्टिदेव ने प्रश्न किया। "कौन-सी सारी बात?" "वही, उस वामाचारी की. महादण्डनायक जी की, उ नायिका जी की एवं उनकी बेटियों की।" "हो. मैं नहीं तोल रहा है। नाम : नागा सूक्षा : कभी-कभी पूर्वापर विचार किये बिना कैसी-कैसी ग़लतियों कर बैठता है : कैसी-कैसी बातों में फँस जाता है ! इसके कैंसे-कैसे परिणाम होते हैं! क्या-क्या खतरे उत्पन्न हो जाते हैं! ग़लती किसी और की और दण्ड किसी और को-ऐसी भी स्थिति हो जाती हैं। निरपराध भी दण्डित हो जाते हैं-यह सब अच्छी तरह स्पष्ट हो गया।" "तो पहले दिये हुए वचन का पालन कर सन्निधान पोसलों के सत्यवचन परिपालन की कीति को चिरस्थायी कर सकेंगे न" "मेरा मन पूर्वाग्रह से मुक्त है। फिर भी महामातृश्री की इच्छा के विरुद्ध कछ नहीं कर सकूँगा।" "आपके ये विचार ठीक हैं। माताजी से खुद सन्निधान बात करेंगे या मैं ही बात करूं?" "तम ही बात कर लो। माँ के मन की रीति से तुम मुझसे अधिक परिचित हो। परन्तु जिसने वचन लिया वे यदि न चाहें तब।" । ___ "सन्निधान मुझे क्षमा करें। हम पुरुष इस विषय में उतने निष्ठावान नहीं होते। वे ऐसी नहीं, एक बार किसी को दिल दे दिया तो बदलेंगी नहीं।" "परुष होकर तुमको यह सब कैसे मालूम?" 256 :: पट्टमहादेवी शान्तला : भाग दो
SR No.090350
Book TitlePattmahadevi Shatala Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorC K Nagraj Rao
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages459
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & History
File Size9 MB
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