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________________ यहां से हवा हंगी तो उस फुलबाड़ी को नाफ़ बहेंगी। इसलिए इसे इस जगह सपना ठीक गंगा।" शान्तन्ना ने उस स्थान को देखा। वह बाड़ी के सत्तर-पूर्व के कोने में थी। उन्होंने उस स्थान को हरसिंगार के लिए टाक माना। क्योंकि वन-या को पौधा भा था। हमिंगार के साथ उसकी जोड़ी बैट 'नाएगी। नुग्न्न चोप्पी का हाथ स हरसिंगार के पौधे को वहाँ रोपवा दिया। जिस दिन ययन वन्द रहता शान्तला फलवाड़ी का काम देखती थी। आजकल दण्डनायक की बच्चियों के साथ एक तरह से पैत्री बढ़ जाने के कारण वे भी कभी-कभी घर आती रहती थीं। सं ही पाक दिन ये सान के तावीज्ञ मिले थे। गहनायक की लड़कियों को इसलिए कतूहल हो रहा था कि वे ताबीज उन्हीं के पर की गोचर-खाद के अन्दर से निकन्न घे। उन्हें साथ ले जाने को उत्सक थीं। बड़ों के ही चीन में यह बात तय टा, टरा कारण ये चप रह गनीं । । इम ऋताल के साथ घर पहुंची। मां का रखते ही पद्मला ने मोने के इन ताबीजों की बात कह दी। बात सुनते ही दानायिका चामध्ये काँप उठी । एक तो उसने इस बात की अपनी बयियों से गुप्त रखा था. दृसर यह कि रहस्य खुल गया था । तावीजों के घर वापस भेजे जाने की बात से भी उसमें भय व्याप्त हो गया था। मगर उसने बेटियों के सामने सपना भव प्रदर्शित नहीं होने दिया। ___ हमारे घर के खाद में इन तावीजों का मिलना सम्भव ही नहीं। वह किसी दुसरे के घर की वाट होंगी। उन्हें शायद आम हो गया होगा। यह दगडनायक के घर की खाद है- मा पहचानने के लिए उसका काई अलग रंग है?'' दादनायिका नं कमा। नहीं, मां! यहीं तो कह रहे थे कि वह खाद हमारे ही घर से गयी ।" वामना चाला। "किसने कहा यह?" "उनके यहाँ सभी यही कह रहे हैं।'' ''तव नो उनका कोई दूसरा ही लक्ष्य है। तुम लोग इस बात को लेकर दिमाग खगन भन करो। मैं और तुम्हारे पिता इस टेग्य जंग। चना, अव लाँधेरा होने को है । 'मोजन करना । दण्डनायक जो बनापुरी गचं हा हैं, उनके लौटने में देरी हो जाएगी।'' वह कहती ई किसी दुसगै बात को करने के लिए कोई मौका न देकर यह अन्दर चली गयी। ___ बतियां ने गुस्सन यान में जाकर हाथ-पर धाय, भगवान को प्रणाम किया और भोजन करने के बाद अपन अध्ययन में द गयीं। पामहादेवो शान्सस्सा : भाग टो :: 151
SR No.090350
Book TitlePattmahadevi Shatala Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorC K Nagraj Rao
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages459
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & History
File Size9 MB
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